लॉक डॉउन के साइड इफेक्ट्स - 1

तरसेम कौर
Covid 19 के मरीजों में लगातार वृद्धि होती जा रही है ।  पूरी दुनिया अपने अपने घरों में बन्द है , उद्योग धंधे बिल्कुल ठप हो गए है । सड़कें गलियां सुनसान हो चुकी हैं । कभी कोई इक्का दुक्का लोग ही दिखाई दे जाते हैं , वो भी केवल अपनी कोई रोज़मर्रा की ज़रूरत के लिए ही बाहर निकलता है । 
 
इतना लंबा समय एक चारदीवारी में ही रहने से बोरियत या डिप्रेस तो होने लगे हैं, घूमने जाना, दोस्तों के घर आना जाना मिलना जुलना, ये सब मन तो करता है, पर अपने मन को नियंत्रित करके रखें, न किसी के यहां जाएं।
 
अमेरिका में तो अब आपस में खड़े होकर बात करने का डिस्टेंस तेरह फीट का कर दिया गया है। बस फोन पर ही बात करें या किसी से ज़रूरी मिलना ही है तो बाहर अपनी कार में ही बैठे रहें, दूर खड़े होकर बात करें। 
 
सरकार राष्ट्रीय हित एवम् जनहित में हर सम्भव प्रयास कर रही है। सरकार जो कर रही है, वो तो है ही ... परंतु हमें भी कुछ नियम शर्तें अपने लिए , परिवार और आस पड़ोस के हित के लिए का पालन करना चाहिए । 
 
अधिकतर लोग मदद कर रहे हैं , जिसका पुण्य उन्हीं को ही मिलेगा, यह सब करने से ज़रूरतमन्दों की मदद तो होती ही है, ख़ुद को भी अच्छा लगता है। अभी तक नहीं किया है तो आज ही करके देखिए , अच्छा लगता है !!

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