खुशहाल जीवन की ओर एक कदम

रुचि गोयल
नया साल, नई उमंग और नई उम्मीद हमारे अंदर एक नया उत्साह जगाते हैं। हम जाते हुए साल को अलविदा और आने वाले साल का स्वागत बहुत ही धूम धाम से करते हैं। हर आने वाला साल हमारे जीवन में पिछले साल में बीते बुरे वक्त से सीख देता है और अच्छे वक्त से नई और खूबसूरत यादें बनाता है ।अब यह हम पर निर्भर है कि हम हर साल से क्या लेकर जाएं। खूबसूरत यादें, नई सीख या बुरा वक्त...! 

हम जनवरी के महीने में अपने आप को बहुत से वादे करते हैं, कि आने वाले साल को बेहतर करने के लिए बहुत कुछ करेंगे। पर दो-तीन महीने बीतते-बीतते हम भूल जाते हैं कि हमने आप को क्या वादे किए थे। 
 
ऐसा करते-करते दिसंबर आ जाता है और हम अपने आप से कहते हैं कि काश हमने यह साल से शुरुआत से जि‍या होता। पर हम फिर अपने आप को आने वाले नए साल से जोड़ देते हैं और नए वदो की तैयारी में लग जाते हैं। 
 
यह हर साल कभी ना खत्म होने वाला चक्रव्यूह बन जाता है और समय बीतता रहता है। फिर कुछ सालों बाद हम अपने आप से कहते हैं कि काश हमने वो उस समय कर लिया होता। धीरे-धीरे हम या तो अपनी जिंदगी के आधीन हो जाते हैं या हम अपने आप से और जिंदगी से शिकायत करते रहते हैं। और यह सब इसलिए होता है क्योंकि हमने वह नहीं पाया, जो हम पाना चाहते थे। पर इसमें सबसे ज्यादा गलती किसकी है? हमारी।
 
हम उस सही समय पर वह नहीं कर पाए जो हमें करना था और समय कभी रुकता नहीं। वो चलता रहा और हम वहीं खड़े देखते रहे। पर अब एक नई शुरुआत करते हैं। नई शुरुआत एक खुशी से भरे जीवन की, जिसे जीने का एक उत्साह हो, और वो करना उतना मुश्किल नहीं है जितना आप समझते हैं। बस कुछ छोटी छोटी चीजों से शुरुआत करें।
 
नए दोस्त बनाएं - दोस्तों से मिलना, उनसे बातें करना और नई यादें बनाने से जीवन में एक नयापन रहता है। हम अपना वक्त उनके साथ बिताते हैं, जो हमें बिना किसी मतलब के अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाते हैं। हर साल कम से कम २ नए दोस्त बनाएं या पुरानी दोस्ती फिर से जगाएं। ऐसे कुछ लोगों से बात कीजिए, जिनके साथ कभी बहुत अच्छा समय बिताया करते थे, पर वक्त और जिम्मेदारियों के कारण उनका साथ पीछे छूट गया।
 
ऐसे लोगों के साथ समय बिताने से जिंदगी में कुछ अच्छी यादें बनती हैं, जिससे हम खुश रहते हैं। और हम खुश रहेंगे, तो जिंदगी अपने आप की खूबसूरत हो जाएगी। इसकी शुरुवात आप कोई भी सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक या सोशल साइट से कर सकते हैं। धीरे-धीरे कोशिश करके उनके मिलकर समय बिताएं और देखिए, जिंदगी कितनी मजेदार लगने लगेगी।
 
नयापन लाएं - हम रोज-रोज एक ही तरह का खाना खा कर बोर हो जाते हैं, इसलिए बहार खाने जाते हैं ताकि कुछ नया स्वाद मिल सके। तो जीवन को भी नएपन की जरुरत होती है। अपनी जीवनशैली में हो सके तो रोज कुछ नया करे। चाहे वो सुबह की चाय बनाने का तरीका हो या किसी को नमस्ते बोलने का स्टाइल, अपने बाल बनाने का तरीका या कुछ और। रोज के खाने की दाल को कुछ नए तरीके से बनाना, कोई भी छोटी सी छोटी चीज को भी एक अलग अंदाज से करके देखें। ऐसे करने से  केवल आपको अच्छा लगेगा बल्कि आपका दिमाग वह सब सोचने लगेगा, जो आप इतने समय से नहीं सोच पाए। हो सकता है की कुछ चीजें गलत भी हों, पर इनसे आप और सीख पाएंगे। इससे जीवन को एक नया नजरिया मिलेगा ।
 
कुछ नया सीखें - हर साल कोशिश करके कुछ ऐसा सीखें, जो आपने कभी नहीं सीखा हो। शायद कुछ ऐसा जो आप करना चाहते हों, पर कभी कर नहीं पाए या कुछ ऐसा जो आपको अच्छा लगता हो। वो कुछ भी हो सकता है, जैसे नए तरीका का खाना बनाना, कुछ कलाकारी करना, कोई डांस, कैमरा या मोबाइल पर सीखा कुछ भी, जो आपको अच्छा लगे। जरूरी नहीं कि यह सब सीखने की लिए आप बाहर जाएं। अगर आप मोबाइल पर इंटरनेट चलना जानते हैं, तो वहां से देख-देख कर भी सीख सकते हैं। पहले समझिए कि आपको किससे आनंद आता है, वो चीज सीखिए। याद रखिए, सीखने की कोई उम्र नहीं होती, बस इच्छा होनी चाहिए। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप खुद से प्यार करने लगेंगे ।
 
एक अच्छी आदत बनाएं - हर साल की शुरुआत अच्छी आदत से करें। ऐसा कोई वादा ना करे अपने आप से, जो आप ना कर सकें। अपने आप के साथ सख्त ना हों, ना ही अपने आप को सजा दें। उतना ही करें, जितना आप आसानी से कर सकें। छोटे-छोटे अंतराल से ही शुरुवात करें और आसान आदतों से शुरू करें, जैसे हफ्ते में एक बार किसी पार्क जाना, व्रत करना या महीने में एक किताब पढ़ना। हर हफ्ते कुछ पैसे जोड़ना या रोज दो लीटर पानी पीना... यह कुछ भी हो सकता है। कोई भी नया कार्य हमारी आदत बनने में कम से कम 21 दिन लगते हैं। बस यह ध्यान रखिए कि 21 दिन तक आपको वह करना है, जो आप अपनी रोज की जिंदगी में शामिल करना चाहते हैं। यह करने से आपके जीवन में एक नियंत्रण पैदा होगा और आप धीरे धीरे बहुत सी चीजों का बेहतर तरीके से संचालन कर पाएंगे।
 
दिमाग और शरीर को स्वस्थ रखें - सुखी जीवन की शुरुआत होती है स्वस्थ शरीर से। अपने शरीर को स्वस्थ रखें। आप अपने शरीर को जितना प्यार और दुलार देंगे, वह वैसा ही आपको वापस देगा। आपको जो ठीक लगता है वह कीजिये। चाहे वह कसरत करना हो या संतुलित कहना या दोनों करना। पर अपने आप को स्वस्थ रखना अपनी प्राथमिकता बना लीजिए। अगर आप बीमार रहेंगे, तो आप दिमाग से परेशान रहेंगे या मोटे होंगे तो आत्मविश्वास खो देंगे और नकारात्मक सोचने लगेंगे। शरीर के साथ-साथ दिमाग भी स्वस्थ रखना उतना ही जरूरी है। 

अपने आप को तनाव से दूर रखिए। याद रखें, हमारे नियंत्रण में अगर कुछ नहीं है तो तनाव रखने से वह दूर नहीं होगा और जो हैं उस पर परेशान होने से उसका हल निकलने के लिए सोचने की क्षमता कम हो जाती है। रोज कुछ पढ़ें, इससे दिमाग में सोचने की शक्ति बढ़ती है। हम सकारात्मक सोचते हैं और दिमाग स्वस्थ रहता है। तनाव रहित रहने और रोग कुछ पढ़ने के अलावा शरीर और दिमाग स्वस्थ रखने के लिए खुली हवा में आधा घंटा सैर करें और प्राणायाम करें। इन सब को अपनी जीवन शैली में जोड़ कर देखिए, आप अपने आप के साथ-साथ जीवन को प्यार करने लगेंगे।
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