क्या आपके पीरियड्स डिले हो गए हैं? प्रेग्नेंसी के अलावा और किन कारणों से स्किप होते हैं पीरियड्स

Causes of Missed Periods
 
Missed Periods Causes: पीरियड्स या मेंस्ट्रुएशन की प्रक्रिया से हर महिला को हर महीने तक गुजरना पड़ता है। आमतौर पर 12 से 45 साल तक की उम्र तक पीरियड्स आते हैं। हालांकि, इन सबके बीच महिलाओ को मेंस्ट्रुएशन से जुड़ी कई समस्याएं भी हो सकती है। ऐसी ही एक समस्या है पीरियड मिस होना। आमतौर पर प्रेग्नेंसी का शुरूआती लक्षण पीरियड मिस होना ही होता है। लेकिन, गर्भावस्था के अलावा और भी कई कारण हैं जिनकी वजह से आपके पीरियड्स आने में देर हो सकती है। ALSO READ: टीनएज से लेकर मेनोपॉज तक वाली महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं मोरिंगा के पत्ते, ऐसे कर सकती हैं सेवन

आमतौर पर पीरियड्स खत्म होने के बाद अगली बार पीरियड्स 28-45 दिनों के बाद शुरू हो सकते हैं। इसीलिए, अगर आपके पीरियड्स 2-4 दिन लेट हों तो आपको परेशान होने  की जरूरत नहीं। हालांकि, अगर पीरियड्स 10-20 दिन या उससे अधिक दिनों तक लेट हो रहे हैं तो यह परेशानी की बात हो सकती है। मिस्ड पीरियड्स एक चिंता का विषय होता है और आपको इसकी तरफ ध्यान देने की सलाह दी जा सकती है।

प्रेग्नेंसी के अलावा किन कारणों से हो सकते हैं पीरियड्स लेट (Causes of late periods)
क्रोनिक स्ट्रेस (Chronic stress)
जब आपको स्ट्रेस महसूस होता है तो इससे आपके शरीर में कॉर्टिसोल (cortisol) नामक हार्मोन्स का स्तर बढ़ सकता है। ये हार्मोन्स आपके पीरियड्स के साइकिल को प्रभावित कर सकते हैं।

एक्सरसाइज (Intense exercise)
अगर आप अचानक से इंटेस या भारी एक्सरसाइज करना शुरू कर देती हे तो इससे आपकी माहवारी का शेड्यूल बिगड़ सकता है। इससे पीरियड्स डिले या मिस्ड पीरियड्स की परेशानी हो सकती हैं।

पुरानी बीमारी (Chronic diseases)
कई बार देखा गया है कि हार्ट डिजिज, थायरॉइड और डायबिटीज जैसी बीमारियों से पीड़ित महिलाओं में भी मेंस्ट्रुएशन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इन बीमारियों की वजह से आपके पीरियड्स लेट हो सकते हैं।

दवाएं (Side effects of some medicines)
अगर आप किसी तरह की दवाओं का सेवन करते हैं तो उनके साइड-इफेक्ट्स की वजह से आपके पीरियड्स पर लेट हो सकती हैं। मिर्गी की दवाएं, बर्थ कंट्रोल पिल्स (birth control pills) और कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं से भी पीरियड्स लेट होने की समस्या हो सकती है। वहीं, एंटी स्ट्रेस या डिप्रेशन के इलाज के लिए मरीज को दी जाने वाली दवाएं भी माहवारी के लेट होने का कारण बन सकती हैं।

 
ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding)
बच्चे को दूध पिलाने वाली महिलाओं को पीरियड्स लेट होने की समस्या हो सकती है। ब्रेस्टफीडिंग के समय महिलाओं को बहुत हल्के पीरियड्स हो सकते हैं। इसीलिए, देखा गया है कि प्रेगनेंसी के बाद पीरियड्स दोबारा स्टार्ट होने में 6 महीने तक का समय लग जाता है।


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