पूजा और प्रार्थना के पश्चात प्रातः 8:00 बजे से 10:00 बजे तक नाग देवता का अभिषेक दूध, केसर, फलों का रस, औषधि, जड़ी-बूटी, भस्म आदि अनेकाअनेक द्रव्य से वैदिक ब्राह्मणों द्वारा किया गया। इसके पश्चात फूल बंगला दर्शन और आध्यात्मिक समाधान, जिसमें कालसर्प योग पितृदोष, राहु-केतु से पीड़ित एवं अन्य जीवन की कठिनाइयों का बड़ा ही सरल एवं सुगम मार्ग बताया गया। इसके बाद नाग देवता की महाआरती की गई जिसमें कई श्रद्धालु शामिल हुए और उन्होंने अपने जीवन में खुशहाली की प्रार्थना की।