क्या है 'इंडियन मुजाहिदीन'?

अहमदाबाद में शनिवार की रात हुए बम ‍विस्फोटों और इससे पहले अन्य स्थानों पर हुए बम विस्फोटों के बाद सरकारी ख‍ुफिया एजेंसियों को इंडियन मुजाहिदीन ने सूचित किया है कि वे अब आगे कब और कहाँ विस्फोट कर सकते हैं। इतना ही नहीं, अहमदाबाद में तो बम विस्फोटों से कुछ मिनट पहले इसी संगठन ने 14 पेज का घोषणा-पत्र भी ई-मेल किया जिसमें बम विस्फोटों के कारणों को बताया गया है और कहा गया है कि वे भारत में जिहाद करने के लिए पैदा हुए हैं।

ई-मेल से भेजे गए घोषणा-पत्र 'द राइज ऑफ जिहाद' में कहा गया है कि गुजरात में वर्ष 2002 में मुस्लिम विरोधी हिंसा का बदला लेने के लिए यह विस्फोट किए गए हैं। इस ई-मेल में कहा गया है- 'गुजरात में मुस्लिमों के साथ किए गए अन्याय और अत्याचार को देखते हुए हम अपना जिहाद आगे बढ़ा रहे हैं और अपने भाइयों से आह्वान करते हैं कि वे इसके बैनर के तले एकजुट हो जाएँ और भारत के इन कमजोर काफिरों को जवाब दें।'

इसमें कहा गया कि पुलिस ने हमारे भाइयों को सिमी के नाम पर गिरफ्तार किया,जेल में बंद किया और उन्हें यातनाएँ दीं जिससे हमें तकलीफ हुई और इस कारण से हम और हमले कर सकते हैं। संगठन ने कई अन्य शहरों में हमले करने और कई महत्वपूर्ण लोगों को चेतावनी दी है कि वे समय रहते अपनी गलतियाँ सुधार लें अन्यथा परिणाम बहुत खतरनाक हो सकता है।

पिछले वर्ष उत्तरप्रदेश के तीन नगरों की कोर्ट में बम विस्फोट किए गए थे और इन विस्फोटों के बाद इंडियन मुजाहिदीन ने टीवी स्टेशनों को कहा था कि यह विस्फोट 'भारत के मूर्तिपूजकों द्वारा दिए गए घावों का बदला लेने के लिए' किया जा रहा है। इससे पहले मई में जयपुर में बम विस्फोट किए गए थे, जिनके बाद भेजे गए ई-मेल में कहा गया कि भारत के काफिरों को स्पष्ट संदेश देने के लिए विस्फोट किए जा रहे हैं।

इस ई-मेलों के आधार पर जाँच एजेंसियों ने जो बातें पता लगाई हैं, उनका सार है कि 'इंडियन मुजाहिदीन' देश में जड़ें जमाए कई संगठनों का मिश्रण है। इन संगठनों में स्टूडेंट्‍स इस्लामिक मूवमेंट्‍स ऑफ इंडिया (सिमी), पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तोइबा और बांग्लादेश में स्थित हरकत उल जिहाद-ए-इस्लामी (हूजी) से जुड़े लोग शामिल हैं।

इस ‍तरह के विस्फोटों के बाद हुई जाँचों से यह बात भी स्पष्ट हुई है कि इन विस्फोटों के लिए विस्फोटक भी विभिन्न स्रोतों से लाया जाता है। यूपी में हुए विस्फोटों के लिए हूजी की जम्मू-कश्मीर इकाई ने विस्फोटक दिया था। मामले में जब जौनपुर के सिमी कार्यकर्ता मोहम्मद खालिद मुजाहिद और आजमगढ़ के यूनानी डॉक्टर मोहम्मद तारिक को पकड़ा गया था । इन लोगों ने तीन कोर्ट परिसरों में से दो में हुए विस्फोट की योजना बनाई थी, लेकिन जब संगठन के तीसरे सेल के सदस्यों के बारे में जानकारी की गई तो उनका पता नहीं चल सका। तीसरे सेल में जो लोग थे उन्होंने ही ई-मेल भेजने का काम किया था।

विस्फोट करने के ‍लिए विभिन्न प्रकार के विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जाता है। जाँच से यह बात स्पष्ट हुआ है कि यूपी और जयपुर में हुए विस्फोटों में मिलिट्री स्तर के प्लास्टिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। बेंगलुरु में पिछले शुक्रवार को हुए विस्फोटों में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया जो कि ऐसा रसायन है जिसका औद्योगिक उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है और आसानी से मिल जाता है। (वेबदुनिया)

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