गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा दंगों के बाद हुए कुछ जघन्य हमलों की जाँच में वांछित गुजरात की उच्च शिक्षामंत्री मंत्री माया कोडनानी बुधवार को साप्ताहिक कैबिनेट बैठक में नहीं आईं।
उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जाँच दल (एसआईटी) माया कोडनानी को पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुका है। यह दल गुजरात में दंगों के दौरान हुई प्रमुख घटनाओं की नए सिरे से जाँच कर रहा है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में वह मौजूद नहीं थीं। एक अधिकारी ने बताया कि वे दौरे पर हैं, लेकिन उन्होंने दौरे का ब्योरा बताने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि वे प्रेस से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं।
अहमदाबाद की नरोदा विधानसभा से तीन बार विधायक रहीं कोडनानी को विशेष जाँच दल सरगर्मी से तलाश कर रहा है। कोडनानी पर नरोदा ग्राम और नरोदा पाटिया में 28 फरवरी वर्ष 2002 में हुए जनसंहार में शामिल होने का आरोप है। इसमें 95 लोग मारे गए थे।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि उस समय नरोदा पुलिस स्टेशन में तैनात दो पुलिस अधिकारियों केके मैसूरवाला और वीएस गोहिल को पहले ही समन जारी किया जा चुका है और विशेष जाँच दल ने दोनों से पूछताछ की है। मैसूरवाला अब पुलिस उपाधीक्षक हैं और पिछले दो दिन में उनसे दो बार पूछताछ की गई है।
विशेष जाँच दल माया कोडनानी को दो बार अपने समक्ष हाजिर होने के लिए तलब कर चुकी है, लेकिन वे हाजिर नहीं हुईं। माया को पहला समन 29 जनवरी और दूसरा समन 31 जनवरी को जारी किया गया था। दो फरवरी को उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया।