नक्सल प्रभावित चार राज्यों की बैठक के बाद केन्द्र ने मंगलवार को कहा कि वह माओवादियों के साथ वार्ता को तैयार है, बशर्ते वे हिंसा त्यागें।
गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्यों की ओर से दो दिन पहले सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी मुख्यमंत्रियों की ओर से मेरी सभी नक्सलियों से अपील है कि यदि आप हिंसा छोड़ देते हैं तो हम किसी भी मुद्दे पर आपसे बात करने को तैयार हैं। इस बैठक में बिहार और झारखंड के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिबू सोरेन ने भाग नहीं लिया था।
नीतीश कुमार ने पटना में कहा कि वे लंबे समय तक पटना से बाहर नहीं जा सकते थे क्योंकि आज राज्य कैबिनेट की बैठक है। सोरेन ने अपनी बीमारी का हवाला दिया और बैठक में शामिल होने में असमर्थता जाहिर की तथा अपने दो उपमुख्यमंत्रियों को बैठक में भेजा था।
रेलमंत्री ममता बनर्जी के कारण बैठक से नीतीश कुमार के दूर रहने की रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में चिदंबरम ने उनकी गैर मौजूदगी को टालने का प्रयास किया।
चिदंबरम ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें रविवार को दिल्ली में बता दिया था कि उनका पूर्व निर्धारित कोई कार्यक्रम है और संभव है कि वे कोलकाता बैठक में शामिल न हो पाएँ। उन्होंने कहा कि उनके वरिष्ठ अधिकारी यहाँ हैं। माओवादी मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए या तो मैं पटना जा सकता हूँ या वे दिल्ली आ सकते हैं। यह कोई मुद्दा नहीं है। नक्सली मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा कि शर्त यही है कि माओवादियों को हिंसा रोकनी होगी।
गृहमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यवश पिछली अपीलों को ठुकरा दिया गया। इसलिए जब तक नक्सली हिंसा में संलिप्त रहते हैं, हम ऑपरेशन जारी रखने को बाध्य हैं। ये अभियान जारी रहेंगे और मुझे विश्वास है कि अगले छह महीने में प्रगति होगी।
उन्होंने कहा कि हम इसे स्पष्ट कर चुके हैं कि इन अभियानों का मकसद किसी को मारना नहीं है। वे हमारे अपने लोग हैं। हमें उनकी चिंता है, उनकी जान की चिंता है। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में प्रभावित राज्यों को एक दूसरे से समन्वय स्थापित करने में मदद देने के मकसद से केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बुलाई गई बैठक निर्धारित समय से एक घंटा देरी से शुरू हो सकी क्योंकि उड़ीसा के के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक देरी से पहुँचे। बैठक में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने भी भाग लिया।
बिहार के मुख्यमंत्री के बयान के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि अकेले बल प्रयोग से समस्या हल नहीं होगी। हम सभी इस पर सहमत हैं, लेकिन हिंसा पर काबू पाने के लिए और नागरिक प्रशासन की पुन: स्थापना के लिए बल प्रयोग जरूरी है। नीतीश कुमार ने कहा था कि माओवादी समस्या को बल प्रयोग के जरिये नहीं सुलझाया जा सकता।
बैठक में माओवादियों से निपटने के लिए अपनाई जा रही नीति और पड़ोसी राज्यों के बीच समन्वय पर व्यापक विचार विमर्श किया क्योंकि नक्सली कई बार एक राज्य में हिंसा को अंजाम देकर दूसरे राज्य में भाग जाते हैं।
इस बैठक में सीआरपीएफ प्रमुख विक्रम श्रीवास्तव, अतिरिक्त सचिव (गृह) डीआरएस चौधरी, अतिरिक्त निदेशक (आईबी) पी. महेन्द्रा, संयुक्त सचिव (गृह) कश्मीरसिंह तथा सुरक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर डीएस डडवाल ने भी हिस्सा लिया। (भाषा)