नाबालिग निकला हैवान, पिटाई पर कर डाला दामिनी का बलात्कार
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दामिनी बलात्कार कांड में चार्जशीट दाखिल होने पर कई चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई हैं। 16 दिसंबर की रात चलती बस में जिस लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था, उसमें शामिल एक नाबालिग ही असली हैवान निकला।
दामिनी के साथ सबसे ज्यादा दरिंदगी करने वाला यह आरोपी खुद को नाबालिग बता रहा है। इसी वजह से गुरुवार को उसके खिलाफ चार्जशीट भी दायर नहीं की जा सकी। उसके मुताबिक उसकी उम्र 17 साल 4 महीने है, लेकिन पुलिस ने इस बात की पुष्टि के लिए बोन डेंसिटी टेस्ट करवाया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है।
इस रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि क्या वह वाकई नाबालिग है। इसके बाद उस पर अलग से चार्जशीट दायर की जाएगी। लेकिन दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो 'दामिनी' के साथ हुई वारदात में उस 'नाबालिग' ने ही सबसे खौफनाक हरकत की थी। क्यों बना नाबालिग हैवान, अगले पन्ने पर...
आरोपियों और लड़की के साथ हमले में घायल हुए दोस्त के मुताबिक छेड़खानी के बाद दामिनी के साथी ने 'नाबालिग दरिन्दे की पिटाई कर दी थी। इसी बात से गुस्से में आकर नाबालिग हैवान बन गया और क्रूरता पर उतर आया।
सूत्रों के अनुसार, उसी ने दामिनी पर वार किए थे और निढाल होने पर उसने एक नहीं दो बार बलात्कार किया था। विरोध में दामिनी ने उसे कई बार काटा भी था और इसी वजह से नाबालिग ने दामिनी की आंतें तक निकाल डाली थीं। यही नहीं इसी पापी ने दामिनी को चलती बस से फेंकने की सलाह भी दी थी।
दिल्ली पुलिस ने 33 पेज की ऑपरेटिव चार्जशीट भी दाखिल की है। इसमें नाबालिग आरोपी की भी करतूत गिनाई गई है। कहा गया है कि वही पूरी घटना का सूत्रधार है। अदालत में हुआ हंगामा, अगले पन्ने पर
याद हो दिल्ली गैंगरेप घटना के 18वें दिन पैरा मेडिकल छात्रा से दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को चार्जशीट दाखिल की है। अभी राम सिंह, मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। अगली सुनवाई साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट में पांच जनवरी से होगी।
चार्जशीट दाखिल करते समय अदालत में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट बंद होने से महज पांच मिनट पहले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सूर्य मलिक ग्रोवर के सामने चार्जशीट दाखिल की।
सुनवाई से पहले अदालत कक्ष को भीतर से बंद देखकर वकीलों ने हंगामा मचाया। इसके बाद कक्ष खोला गया। मजिस्ट्रेट ने जब आपत्ति लेते हुए पूछा कि पुलिस इतनी देर से चार्जशीट क्यों फाइल कर रही है तो पुलिस का जवाब था कि बड़ी संख्या में दस्तावेज और कागजात तैयार करने के कारण देरी हुई। आरोपियों के बचाव में उतरी महिला वकील!, अगले पन्ने पर...
पुलिस ने आरोपियों को भी अदालत में पेश नहीं किया। सुरक्षा पहलुओं को इसका कारण बताया गया। हंगामा तब बढ़ गया जब एक महिला वकील ने आगे आकर आरोपियों की वकालत करने की पेशकश की।
इस पर अभियोजन पक्ष ने आपत्ति ली। एक अन्य युवा वकील ने आरोपियों को कानूनी सहायता मुहैया करवाने को कहा। अदालत वैसे भी आरोपियों को वकील मुहैया करेगी।