भारतीय वैज्ञानिकों ने इस साल उन प्राणियों की नई प्रजाति खोजने के लिए पूर्वोत्तर के जंगलों की खाक छानी जिनके शरीर में रीढ़ की हड्डी और खोपड़ी होती है, बादलों और स्याह रातों में भी तस्वीरें लेने में सक्षम एक उपग्रह तैयार किया लेकिन वर्ष 2012 में कुडनकुलम स्थित पहले बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र की शुरूआत करने की उनकी योजना इस साल धरी की धरी रह गई।
भारत के वैज्ञानिकों का इरादा वर्ष 2008 में शुरू किए गए चंद्र मिशन से आगे जाकर मंगल के रहस्य सुलझाने का भी है। जल्द ही वैज्ञानिकों का एक समूह चुना जाएगा, जो इस मिशन को आगे बढ़ाएगा। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में घोषणा की कि भारत वर्ष 2013 में एक अंतरिक्ष मिशन शुरू करेगा।
एंट्रिक्स कॉर्पोरेशन और देवास मल्टीमीडिया लिमिटेड के बीच एस. बैंड स्पेस सेगमेंट के विवादित सौदे को तो रद्द कर दिया गया लेकिन इस सौदे में कथित भूमिका के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर सहित 4 वैज्ञानिकों पर सरकार ने किसी भी आधिकारिक पद पर नियुक्ति पर रोक लगा दी।
विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी संस्थान द्वारा विकसित एक दवा को इस साल क्लीनिकल ट्रॉयल के लिए अनुमति मिल गई। यह दवा थक्का घुलाने की है।
सीएसआईआर की ही सेंट्रल ड्रग रिसर्च लैबोरेटरी ने फ्रैक्चर के शीघ्र इलाज के लिए मुंह से लेने वाली एक दवा पर काम करने के लिए एक अमेरिकी कंपनी के साथ अनुबंध किया।
सीईआरएन के अनुसंधानकर्ताओं ने जुलाई में घोषणा की कि उन्होंने ‘हिग्स बोसोन’ के गोपनीय कणों का पता लगा दिया है जिसके बाद भारत में वैज्ञानिक समुदाय खुशी से झूम उठा। इस सफलता में भारतीय संस्थानों की अहम भूमिका रही।
भारतीय रूसी वैज्ञानिक दल कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए काम करते रहे। हालांकि परियोजना के विरोध के चलते 1,000 मेगावॉट यूनिट की इसकी पहली इकाई ही शुरू नहीं हो पाई।
रूस की एक कंपनी के सहयोग से परमाणु ऊर्जा निगम द्वारा तैयार वीवीईआर टाइप रिएक्टर को पिछले साल शुरू किया जाना था लेकिन परियोजना के विरोध के कारण काम करीब 8 माह तक रुका रहा।
इसरो ने इस साल आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अपने अंतरिक्ष केंद्र में एक नए मिशन कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की। इसके बाद 28 अप्रैल को स्वदेश निर्मित रडार वाले एक रडार इमैजिंग सैटेलाइट (रीसैट एक) का प्रक्षेपण हुआ। यह हर मौसम में दिन और रात को पृथ्वी की सतह की तस्वीरें ले सकता है।
इस साल इसरो ने दो विदेशी उपग्रह भी प्रक्षेपित कर उन्हें उनकी कक्षा में पहुंचाया। अगस्त माह में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री विलासराव देशमुख का निधन हो गया। वैज्ञानिकों की योजना नवंबर 2013 में मंगल के लिए एक मिशन तथा कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को शुरू करने के साथ-साथ चंद्रमा पर भेजने के लिए एक रोवर तैयार करने की भी है। (भाषा)