राजनीति में शामिल कई फिल्मी सितारों के लिए अगले लोकसभा चुनावों में मुश्किल हो सकती है और राजनीति के लिहाज से उनके सितारे गर्दिश में जाने की आशंका लग रही है।
लोकसभा का अगला चुनाव 2009 में होना है और परिसीमन से कई सितारों का चुनावी क्षेत्र प्रभावित हो रहा है। ऐसे सितारों में धर्मेंद्र और राज बब्बर शामिल हैं, जिनका क्षेत्र सुरक्षित हो गया है।
लेकिन कांग्रेसी सांसद गोविन्दा की समस्या कुछ अलग है। गोविन्दा उत्तर मुंबई क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और हिन्दी फिल्मों के हीरो नंबर एक को लेकर मतदाताओं के एक वर्ग में असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई मतदाताओं का मानना है कि उनके परदे की भूमिका और बतौर जनसेवक भूमिका में व्यापक अंतर है।
धर्मेंद्र राजस्थान में बीकानेर से भाजपा सांसद हैं और बब्बर आगरा से सपा सांसद थे। उन्हें कुछ समय पहले सपा से निलंबित कर दिया गया था।
बब्बर लंबे समय से राजनीति में हैं और पिछले साल उन्होंने जनमोर्चा का गठन किया था। उल्लेखनीय है कि जनमोर्चा को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में बहुत सफलता नहीं मिली।
धर्मेंद्र पिछले आम चुनावों के ठीक पहले राजनीति में शामिल हुए जबकि उनकी पत्नी हेमा मालिनी को पहले ही राजग सरकार के कार्यकाल में राज्यसभा के लिए नामित किया गया था।
हिन्दी फिल्मों के हीमैन को जाट बहुल क्षेत्र से जीतने में विशेष परेशानी नहीं हुई वहीं विरार के छोकरे गोविन्दा ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री राम नाईक को हराकर सनसनी फैला दी।
उत्तर मुंबई क्षेत्र में कुछ परिवर्तन हुआ है, जिससे हीरो नंबर वन की समस्या बढ़ गई है। लंबे समय से अपने क्षेत्र का दौरा नहीं करने के कारण गोविन्दा की आलोचना होती रही है और लोगों के संकट में सांसद के पहुँच से दूर होने के कारण क्षेत्र के लोगों ने हाल ही में एक प्रदर्शन भी किया था।
एक व्यक्ति ने तो यहाँ तक घोषणा कर दी थी कि सांसद गोविन्दा का पता लगाने वाले को एक करोड़ रुपए का इनाम दिया जाएगा।
जयाप्रदा ने राजनीति की शुरुआत तेदेपा से की थी, लेकिन पार्टी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के साथ संबंध ठीक नहीं होने के कारण राज्यसभा में दूसरी बार नहीं भेजे जाने के बाद वे सपा में शामिल हो गईं। वे उत्तरप्रदेश में रामपुर सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं और इस मुस्लिम बहुल क्षेत्र की समस्याएँ वे लोकसभा में उठाती रही हैं।
खलनायक से नायक और फिर राजनीति में आने वाले भाजपा के विनोद खन्ना 1998 से ही पंजाब के गुरदासपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कन्नड़ अभिनेता अंबरीश भी विनोद खन्ना के पदचिह्नों पर चलने को तैयार दिख रहे हैं। वे कर्नाटक के मांड्या सीट का कुछ समय से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जया बच्चन राज्यसभा में हैं और 2006 में अयोग्य ठहराए जाने के बाद वे फिर से निर्वाचित हुईं।