नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कॉर्पोरेट घरानों के लिए सम्पर्क सूत्र का काम करने वाली नीरा राडिया से संबंधित टेप में निजी और आपराधिक बातचीत को अलग करने के लिए गुरुवार तक केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) आयकर विभाग एवं प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के नाम मांगे हैं।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति सुधांशु ज्योति उपाध्याय की खंडपीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल हरेन रावल से कहा कि वे टेप में दर्ज बातचीत की छंटनी के लिए इन अधिकारियों के नाम उपलब्ध कराए।
न्यायालय ने कहा कि वह 21 फरवरी को इन अधिकारियों की एक सूची घोषित करेगा, जिसके सदस्य यह तय करेंगे कि नीरा राडिया और उद्योगपतियों, पत्रकारों एवं राजनीतिज्ञों के बीच हुई बातचीत का विश्लेषण करके यह तय करेंगे कि बातचीत का कौनसा हिस्सा निजी और कौनसा हिस्सा आपराधिक है। (वार्ता)