केन्द्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशीलकुमार शिंदे की पुत्री स्मृति शिंदे ने अपने पति से तलाक के लिए बुधवार को उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्मृति की हिंदू विवाह कानून के उन प्रावधानों को चुनौती देती याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया, जिनमें तलाक की कार्रवाई के लिए पति-पत्नी दोनों की रजामंदी जरूरी है।
स्मृति ने अपनी याचिका में कहा कि कानून ऐसी किसी महिला को जबरदस्ती उसके जीवनसाथी के साथ रहने को मजबूर नहीं कर सकता, जो मानसिक और भावनात्मक स्तर पर वैवाहिक रिश्ते में बने रहने की स्थिति में नहीं है।
गौरतलब है कि स्मृति ने इससे पहले भी उच्चतम न्यायालय में तलाक संबंधी याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। (भाषा)