बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन अध्यक्ष रमेश कुमार की ओर से अयोग्य ठहराए गए 17 में से 16 विधायक गुरुवार को भाजपा में शामिल हो गए, जिनमें जनता दल (सेक्यूलर) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एच विश्वनाथ भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कल ही इन 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बुधवार को जायज ठहराया, लेकिन उन्हें विधानसभा उपचुनाव लड़ने की इजाजत दे दी।
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पूरे कार्यकाल के लिए अयोग्य ठहराने का अध्यक्ष का फैसला उचित नहीं था। शीर्ष न्यायालय ने बागी विधायकों को विधानसभा उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री बीएस येदिुरप्पा ने पूर्व विधायकों को आश्वासन देते हुए कहा कि आपके बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा और उपचुनाव के लिए आपको टिकट दिए जाएंगे तथा आप लोगों की जीत सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव मदद की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री सीएन अश्वथनारायण और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलीन कुमार कतील समेत कई वरिष्ठ नेता इस मौके पर मौजूद थे। इन नेताओं ने पार्टी में शामिल होने वाले पूर्व विधायकों को पार्टी का झंडा भेंट कर पार्टी में स्वागत किया। पूर्व विधायकों को भाजपा में शामिल किए जाने को लेकर प्रदेश पार्टी में एक राय नहीं है। पूर्व मंत्री एवं अयोग्य ठहराए गए विधायक रोशन बेग इस मौके पर मौजूद नहीं थे।
कांग्रेस के पूर्व नेता बेग मुख्यमंत्री से भेंटकर अपनी पारंपरिक शिवाजीनगर विधानसभा सीट उप चुनाव के लिए टिकट की मांग कर चुके हैं। विश्वनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, भाजपा में शामिल होने वाले सभी राजनीतिक ध्रुवीकरण के हिस्से हैं जिसे देशभर में देखा जा सकता है। हमने किसी राजनीतिक लाभ अथवा सत्ता के लिए अपनी विधानसभा सीटों को नहीं छोड़ा है।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में कांग्रेस और जद (एस) के 17 अयोग्य विधायकों को राहत देते हुए उन्हें उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर द्वारा विधायकों की अयोग्यता के फैसले को सही ठहराया है। अदालत का कहना है कि अयोग्यता अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकती है। इन बागियों में 14 विधायक कांग्रेस और 3 जद (एस) में शामिल थे।