प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर देशवासियों को लिखे खुले पत्र में कहा कि अभी हाल में 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह अभियान हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्टअप्स से जुड़े नौजवान- सभी के लिए नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।
कोराना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में उत्पन्न आर्थिक संकट का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इन परिस्थितियों में आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? लेकिन दूसरी ओर यह विश्वास भी है कि जैसे भारत ने अपनी एकजुटता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया को अचंभित किया है, वैसे ही आर्थिक क्षेत्र में भी हम नई मिसाल कायम करेंगे। 130 करोड़ भारतीय अपने सामर्थ्य से आर्थिक क्षेत्र में भी विश्व को चकित ही नहीं बल्कि प्रेरित भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा, अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है- आत्मनिर्भर भारत।
गौरतलब है कि 12 मई को राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रुपए के समग्र आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जो जीडीपी का 10 प्रतिशत होता है। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस का संकट भारत को आत्मनिर्भर बनने का एक अवसर भी प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में भारत सहित दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं द्वारा कोरोना वायरस के प्रभाव से उबरने को लेकर हो रही चर्चाओं का भी उल्लेख किया। (भाषा)