Ayodhya Rampath Case : आख़िरकार राम मंदिर में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव से पूर्व नवनिर्मित रामपथ मार्ग, जिस पर मौसम की पहली बारिश को न झेल पाने के कारण 19 जगहों पर गढ्डा हो गया था व कई जगह सड़क धंस गई थी। विभाग के द्वारा आनन-फानन में लीपापोती कर बालू व गिट्टी डाली गई थी।
इन निर्माण कार्यों पर मीडिया में जबरदस्त धज्जियां उड़ाई गईं, जबकि अभी पूरी बरसात बाकी है। स्थानीय अयोध्या वासियों ने भी इस घटिया निर्माण कार्य का जबरदस्त विरोध किया था जिसमें शासन व प्रशासन की भी काफी किरकिरी हुई।
अधिशासी अभियंता सहित 3 हुए निलंबित : अयोध्या जनपद को प्रदेश की योगी सरकार प्राथमिकता पर रखते हुए राष्ट्रीय स्तर की कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है, जिसकी मॉनिटरिंग स्वयं मुख्यमंत्री योगी समय-समय पर कर रहे हैं। उसके बाद भी रामपथ पर इस प्रकार की लापरवाही की गई, जिसके चलते कठोर कार्यवाही तो होना तय ही था।
शासन के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग अजय चौहान ने कार्यवाही करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देसवाल व अवर अभियंता प्रभात पाण्डेय को तत्काल निलंबित कर दिया है।
रामपथ मार्ग पर हुए सभी गढ्डों को जल निगम के द्वारा भरवा दिया गया है और लोक निर्माण विभाग के समन्वय से मार्ग पर बने सीवर चैंबरों की निगरानी की जा रही है, किन्तु रामपथ का निर्माण कार्य करवा रही R&C एजेंसी के खिलाफ अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
क्या है पूरा मामला : उत्तर प्रदेश में विगत 22 जून को मानसून की शुरुआत हुई और 22 जून की रात्रि 102 मिमी बारिश हुई। 25 जून की रात्रि 176 मिमी बारिश हुई, किन्तु दोनों ही रात्रि तेज बारिश हुई और इस बरसात की पहली दो ही रात्रि की बरसात को नवनिर्मित रामपथ मार्ग नहीं सह सका, जिसका परिणाम हुआ कि मार्ग पर 19 जगह गहरे गढ्डे हो गए और कई जगह सड़क भी धंस गई।