सीबीआई ने 2013 में दाखिल पहले आरोप पत्र में सात पुलिस अधिकारियों- पीपी पांडेय, डीजी वंजारा, एनके अमीन, सिंघल, बारोट, परमार और चौधरी को बतौर अभियुक्त नामजद किया था। हालांकि 2019 में सीबीआई की अदालत ने पुलिस अधिकारी वंजारा और अमीन के खिलाफ सुनवाई राज्य सरकार द्वारा अभियोजन मंजूरी नहीं देने पर वापस ले ली थी। इससे पहले 2018 में पूर्व पुलिस महानिदेशक पीपी पांडेय को भी मामले से मुक्त कर दिया गया था।