​Photos : चक्रवात ताउते में फंसे 314 लोगों को भारतीय नौसेना ने बचाया

मंगलवार, 18 मई 2021 (20:18 IST)
मुंबई। भारतीय नौसेना ‘ताउते’ चक्रवात के कारण मुंबई के निकट अरब सागर में फंसे 2 बजरों में मौजूद 314 लोगों को बचा चुकी है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
 
नौसेना के अधिकारी ने कहा कि 707 कर्मियों को ले जा रहे तीन बजरे और एक ऑइल रिग सोमवार समुद्र में फंस गया था। इनमें 273 लोगों को ले जा रहा 'पी305' बजरा, 137 कर्मियों को ले जा रहा 'गल कंस्ट्रक्टर' और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही 'सागर भूषण' ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे।
 
अधिकारी ने कहा कि ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 जबकि पी305 में मौजूद 273 में से 177 लोगों को बचा लिया गया है। उन्होंने कहा कि दमन के तटरक्षक वायु स्टेशन से संचालित दो चेतक हेलीकॉप्टरों ने ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद कर्मियों के बचाया। एक और चेतक हेलीकॉप्टर को भी बचाव अभियान में शामिल किया गया है।'
एसएस-3 और सागर भूषण ऑइल रिग के लिये चलाए जा रहे बचाव अभियान के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले अधिकारी ने कहा कि बजरे में मौजूद 60 लोगों को रात 11 बजे तक और बाकियों को रातभर चले अभियान के दौरान बचाया गया। वहीं, नौसेना के एक हेलिकॉप्टर ने तीन लोगों को आज सुबह आईएनएस शिकरा पहुंचाया।
 
आईएनएस शिकरा को पहले आईएनएस कुंजलि कहा जाता था, जो दक्षिण मुंबई के कोलाबा स्थित नौसेना का एक हवाई स्टेशन है। तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ONGC) ने सोमवार को कहा था कि ‘पी305’ बजरा चक्रवाती तूफान ‘ताउते’ की वजह से लंगर से खिसक गया था अनियंत्रित होकर समुद्र में बह गया था।
 
सूत्रों के अनुसार, यह एक ऐसा बजरा है, जिसमें लोगों को ठहराया या सामान रखा जाता है, इसलिए इसमें इंजन नहीं लगा है। एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह समुद्री गश्ती विमान पी-81 को तैनात किया था।
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि एक अन्य बजरा ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ बहकर कोलाबा पॉइंट के उत्तर में 48 समुद्री मील दूर चला गया, इसमें 137 लोग सवार थे। एक आपातकालीन ‘टोही’ पोत 'वाटर लिली', दो सहायक पोत और सीजीएस सम्राट को क्षेत्र में मदद तथा चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भेजा गया है।
 
प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि आईएनएस तलवार एक अन्य तेल वाहन सागर भूषण और एसएस-3 बजरे की मदद के लिए जा रहा है। दोनों ही अभी पीपावाव बंदरगाह से लगभग 50 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में हैं। (All photos by Runa Ashish)

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