गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों द्वारा किए जाने वाले घुसपैठ के नियमित प्रयास सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित हैं। अगस्त 2019 से अब तक सीमा पार से ऐसे 84 प्रयास किए गए हैं और अनुमान है कि ऐसे 59 आतंकवादी देश की सीमा में घुस आए हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 1990 से 1 दिसंबर 2019 तक सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ 22 हजार 557 आतंकवादी मारे गए हैं। सुरक्षा बलों की प्रभावशाली चौकसी के कारण वर्ष 2005 से 31 अक्टूबर 2019 तक सीमा पास से घुसपैठ के प्रयासों के दौरान 1,011 आतंकवादी मारे गए। 2 आतंकवादी गिरफ्तार किए गए और 2,253 आंतकवादियों को वापस भागने पर विवश किया गया है।
शाह ने कहा कि दुश्मन द्वारा घुसपैठ के प्रयास जम्मू-कश्मीर में हिंसा पैदा करने और मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के अपने इरादे में सफल होने लिए, घाटी में आतंकवादियों की घटती हुई संख्या को बढ़ाने हेतु एक छद्म युद्ध के रूप में उनके एजेंडे का हिस्सा है। घुसपैठ के प्रयासों को विफल करने के लिए निरंतर प्रभुत्व कायम रखने, घात लगाने और गश्त लगाने की कार्रवाई की जा रही है।