खबरों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों को मिली खुफिया जानकारी के अनुसार, आतंकी दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के किसी सरकारी कार्यालय को निशाना बना सकते हैं। गौरतलब है कि 31 अक्टूबर को ही जम्मू-कश्मीर व लद्दाख आधिकारिक तौर पर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनेगा और इसी को लेकर राज्य में पहले से ही हाई अलर्ट है।
इससे पहले पुलवामा में सीआरपीएफ की एक पेट्रोल पार्टी पर आतंकियों ने हमला कर दिया। यह हमला एक एग्जाम सेंटर के पास हुआ था जिसमें 5 स्टूडेंट्स भी फंस गए थे। ये आतंकी आने वाले दिनों में दुनिया का ध्यान कश्मीर की तरफ खींचने के लिए अहम व्यक्तियों को बंधक भी बना सकते हैं। जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन ने श्रीनगर जिले के जोनकार, रैनावाड़ी और सफकदल में आतंकी हमले की योजना बनाई है।
खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों के कार्यालयों पर ग्रेनेड हमले की आशंका भी जताई। आतंकी इस हमले के जरिए सरकारी अधिकारियों और आम लोगों में खौफ पैदा करना चाहते हैं। आतंकी संगठन कश्मीर घाटी के कई हिस्सों में धमकी भरे पोस्टर भी लगा रहे हैं, जिनमें स्थानीय दुकानदारों से घाटी में बंद का समर्थन करने को कहा गया है। पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घुसपैठ की कोशिश की जा रही है।