अदालतों में लंबित हैं CBI की जांच वाले भ्रष्टाचार के करीब 6700 मामले

गुरुवार, 25 अगस्त 2022 (23:21 IST)
नई दिल्ली। सीबीआई द्वारा जांच किए गए भ्रष्टाचार के लगभग 6 हजार 700 मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं, जिनमें से 275 मामले तो 20 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
 
इसमें कहा गया कि 31 दिसंबर 2021 तक के आंकड़ों के मुताबिक कुल 1,939 मामले ऐसे हैं, जो विभिन्न अदालतों में 10-20 साल से चल रहे हैं जबकि 2,273 मामलों में सुनवाई 5-10 साल से चल रही है। वहीं 811 मामले 3-5 साल से चल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 1399 मामलों में सुनवाई चलते हुए तीन साल से कम का समय हुआ है।
 
सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2021 में कहा गया कि आयोग, सीबीआई के साथ मासिक बैठकों के दौरान, विभिन्न अदालतों में काफी समय से लंबित मुकदमे की बड़ी संख्या पर ध्यान देता है। इसमें कहा गया कि 31 दिसंबर 2021 को 6,697 मामलों में सुनवाई लंबित थी जिनमें से 275 मामले ऐसे थे जिनमें सुनवाई 20 साल से ज्यादा समय तक चल रही है।
 
इसके अलावा कुल 10,974 अपील और पुनर्विचार के मामले उच्च न्यायालयों और न्यायालय में लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि कुल 9,935 अपील में से 9,698 अपील उच्च न्यायालय में हैं, जबकि 237 उच्चतम न्यायालय में हैं। उच्च न्यायालयों में 1,039 पुनर्विचार याचिकाएं लंबित हैं।
 
इसमें कहा गया कि उच्च न्यायालयों और न्यायालय में लंबित 10,974 अपील और पुनर्विचार याचिकाओं में से 361 मामले 20 साल से ज्यादा समय से लंबित हैं, जबकि 558 मामले ऐसे हैं जो 15 साल से ज्यादा लेकिन 20 साल से कम समय से लंबित हैं। इसमें कहा गया कि 1,749 मामले ऐसे हैं जो 10 साल से ज्यादा लेकिन 15 साल से कम समय से लंबित हैं, वहीं 3,665 मामले 5 साल से ज्यादा लेकिन 10 साल से कम समय से लंबित हैं।
 
रिपोर्ट के मुताबिक 2,818 मामले दो साल से ज्यादा लेकिन 5 साल से कम समय से उच्च अदालतों में लंबित हैं, जबकि 1,823 मामले दो साल से कम समय से लंबित हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा भ्रष्टाचार के 645 मामलों की जांच लंबित थी, जिनमें से 35 मामले 5 साल से अधिक समय से लंबित हैं। संसद के हाल में संपन्न हुए सत्र में यह रिपोर्ट पेश की गई थी और इसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया।
 
सीबीआई के पास लंबित मामलों में से 60 मामले तीन साल से ज्यादा लेकिन 5 साल से कम समय से लंबित हैं, 71 मामले दो साल से ज्यादा लेकिन 3 साल से कम समय से लंबित हैं, वहीं 162 मामले एक साल से ज्यादा लेकिन दो साल से कम समय से लंबित हैं। रिपोर्ट के मताबिक 317 मामले एक साल से कम समय से लंबित हैं।
 
इसमें कहा गया कि सीबीआई ने 2021 में 221 राजपत्रित अधिकारियों सहित 549 लोक सेवकों के खिलाफ 457 मामले दर्ज किए थे। इनमें से 504 का जांच कर निस्तारण कर दिया गया। केंद्रीय एजेंसी को आम तौर पर पंजीकृत मामले की जांच एक साल के अंदर पूरी करनी होती है।
 
रिपोर्ट में कहा गया कि जांच पूरी होने का मतलब सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी मिलने के बाद, जहां कहीं जरूरी हो, अदालतों में आरोप पत्र दाखिल करना होगा। आयोग ने पाया है कि कुछ मामलों में जांच पूरी करने में कुछ देरी हुई है। इसमें कहा गया कि विलंब के कारणों में कोविड-19 महामारी के कारण देरी, काम के दबाव के कारण जांच में विलंब, कर्मियों की कमी आदि शामिल हैं। सीबीआई के 75 कर्मियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई लंबित है। (भाषा)
 

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