Tax Deduction Claim: सरकार ने मंगलवार को कहा कि 2022-23 में 8.75 लाख से अधिक संयुक्त हिन्दू परिवारों (joint Hindu families) ने आयकर विवरणिका (income tax returns) दाखिल की और 3,803 करोड़ रुपए की कर कटौती का दावा किया। वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा (Rajya Sabha) को यह जानकारी दी।
उनसे यह प्रश्न पूछा गया था कि क्या सरकार ने देश में संयुक्त हिन्दू परिवारों को मिलने वाले कर लाभ पर समान नागरिक संहिता से पड़ने वाले प्रभावों का आकलन किया है? इस प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि इस प्रकार का कोई आकलन नहीं किया गया है, क्योंकि अभी तक इस प्रकार की कोई संहिता नहीं है। वर्तमान में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने की स्थिति में संयुक्त हिन्दू परिवार पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। विधि आयोग ने यूसीसी के बारे में जनता से परामर्श आमंत्रित किए हैं।
हिन्दू कानून के तहत संयुक्त हिन्दू परिवार उन वंशजों को माना जाता है जिनके एक साझा पूर्वज हों। इस परिवार में पत्नियां एवं अविवाहित बेटियां शामिल होती हैं। यह प्रावधान जैन और सिख परिवारों पर भी लागू होता है। आयकर कानून के तहत संयुक्त हिन्दू परिवारों पर उसी दर से कर लगाया जाता है, जो वैयक्तिक कर दर होती है और ऐसे परिवार लागू होने योग्य कटौती का दावा कर सकते हैं।
मंत्री के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में 8,75,948 संयुक्त हिन्दू परिवारों ने 3,802.86 करोड़ रुपए का दावा किया था। इसी प्रकार 2021-22 में 8,77,303 ऐसे परिवारों ने 3,745.51 करोड़ रुपए के दावे किए। उन्होंने कहा कि 2020-21 एवं 2019-20 में क्रमश: 9.25 लाख और 9.02 लाख संयुक्त हिन्दू परिवारों ने 4,173 करोड़ रुपए एवं 4,161 करोड़ रुपए के दावे किए थे। इसी प्रकार 2018-19 में इस प्रकार के 8.84 परिवारों ने 4,044 करोड़ रुपए के दावे किए थे।(भाषा)