GST के हुए 8 साल पूरे, अब जोर रहेगा कारोबार सुगमता बढ़ाने और बेहतर अनुपालन पर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 1 जुलाई 2025 (17:31 IST)
GST completes 8 years:  वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 8 साल पूरे कर चुके माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का जोर अब कारोबार को सुगम बनाने, मजबूत अनुपालन सुनिश्चित करने और व्यापक आर्थिक समावेश को बढ़ावा देने पर होगा। कुल 17 करों और 13 उपकरों को शामिल कर 1 जुलाई, 2017 से लागू जीएसटी ने अनुपालन को सरल और कर प्रणालियों को डिजिटल बनाकर एक निर्बाध राष्ट्रीय बाजार बनाने में मदद की है। साथ ही इसने करदाता आधार का भी विस्तार किया है और सहकारी संघवाद को मजबूत किया है।
 
वित्त मंत्रालय ने 'जीएसटी के 8 साल पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड' जारी करते हुए कहा कि माल एवं सेवा कर अपने 9वें साल में प्रवेश कर रहा है। यह कारोबार को सरल बनाने के साथ मजबूत अनुपालन और व्यापक आर्थिक समावेश को प्राथमिकता देते हुए विकसित हो रहा है। इससे भारत की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में इसकी भूमिका मजबूत हो रही है।ALSO READ: GST ने जमकर भरा सरकार का खजाना, मई में कलेक्शन 2 लाख करोड़ के पार
 
संचालन के पहले वर्ष (9 महीने) में सकल जीएसटी संग्रह 7.40 लाख करोड़ रुपए था। पिछले कुछ वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 9.4 प्रतिशत की वृद्धि है। यह वृद्धि अर्थव्यवस्था के संगठित होने और बेहतर कर अनुपालन को दर्शाती है।
 
सालाना जीएसटी राजस्व लगभग 3 गुना बढ़ा : सालाना जीएसटी राजस्व लगभग 3 गुना हो गया है। यह वित्त वर्ष 2017-18 के 7 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 22 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। लगातार दहाई अंक की वृद्धि न केवल एक मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत देती है, बल्कि बेहतर अनुपालन, कम कर चोरी और कम करदाता बोझ के साथ एक परिपक्व, प्रौद्योगिकी-संचालित कर परिवेश का संकेत भी देती है।ALSO READ: GST कलेक्शन के टूटे सारे रिकॉर्ड, पहली बार 2.37 लाख करोड़ रुपए के पार, जानिए कितनी फीसदी हुई बढ़ोतरी
 
वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत का जीएसटी संग्रह अप्रैल, 2025 में 2.37 लाख करोड़ रुपए के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। मई, 2025 तक 162 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं। यह केवल 8 वर्षों में एक सुव्यवस्थित, डिजिटल-प्रथम कर प्रणाली अपनाने और बढ़ते भरोसे को बताता है।ALSO READ: ICICI प्रूडेंशियल लाइफ को मिला 3.67 करोड़ रुपए का GST नोटिस, कंपनी ने की अपील दायर
 
जीएसटी को 5 भागों में बांटा गया : जीएसटी ने अप्रत्यक्ष करों को मानकीकृत स्लैब (0 प्रतिशत, 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) और निर्बाध पंजीकरण, फाइलिंग और भुगतान के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल मंच (जीएसटीएन) के साथ सरलीकृत व्यवस्था में एकीकृत किया है। इससे अनुपालन लागत में कमी आई और व्यापार करने में आसानी हुई।
 
वर्ष 2017 में लागू होने के 8 साल बाद जीएसटी भारत के आर्थिक सुधारों की आधारशिला बना हुआ है, जो अप्रत्यक्ष करों को सुव्यवस्थित, एकीकृत कर प्रणाली से बदल रहा है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि एक साझा राष्ट्रीय बाजार को बढ़ावा देकर जीएसटी ने कार्यकुशलता बढ़ाई है, कारोबारी लागत कम की है और कराधान को पारदर्शी किया है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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