नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि करदताओं के लिए अपने पैन को आधार से जोड़ने की निर्धारित समयसीमा कायम रहेगी और उच्चतम न्यायालय के निजता पर फैसले से इस आवश्यकता पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे ने यहां कहा कि सरकारी सब्सिडी, सामाजिक योजनाओं और अन्य लाभों का लाभ लेने के लिए आधार देने की अनिवार्यता भी फिलहाल जारी रहेगी। सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है।
यह पूछे जाने पर कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से आधार और पैन को जोड़ने पर क्या असर होगा, पांडे ने कहा, पैन को आधार से जोड़ने को आयकर कानून में संशोधन के जरिए अनिवार्य किया गया है। कानून के तहत यह काम जारी रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
पांडे ने स्पष्ट किया कि चाहे आधार कानून के प्रावधानों के तहत हो या आयकर कानून या मनीलांड्रिंग कानून के तहत, विभिन्न समयसीमाओं का पालन करना होगा क्योंकि ये कानून वैध हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि आधार कानून अपने डेटा सुरक्षा सेफगार्ड के जरिए निजता के मौलिक अधिकार के तहत खरा उतरेगा।
पांडे ने यह भी कहा कि आधार के लिए नामांकन भी बिना किसी अड़चन के जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आधार कानून में निजता की सुरक्षा के पहले से प्रावधान हैं। इसमें बिना संबंधित व्यक्ति की सहमति के डेटा को साझा नहीं किया जाता है। (भाषा)