नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के कामकाज में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कथित हस्तक्षेप के खिलाफ मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल समेत आप के सभी मंत्री और विधायक और कार्यकर्ता सोमवार को सड़क पर उतर आए। आप का आरोप है कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति को रोकने के लिए भाजपा और उपराज्यपाल साजिश कर रहे हैं। इसी के चलते दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही को भी दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
...तो जनतंत्र नहीं बचेगा : प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि कोई उपराज्यपाल कहे कि वह सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता तो जनतंत्र नहीं बचेगा। हम 'टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड जाने दो' के लिए के लिए एलजी हाउस मार्च कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि LG ने मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर, मार्शलों की सैलरी रोक दी। उन्होंने कहा कि मेरी एलजी से अपील है कि वे संविधान को मानें, सुप्रीम कोर्ट की राय मानें। एलजी एक सलाहकार रखें जो सुप्रीम कोर्ट और संविधान की समझ रखता हो।
वहीं, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोगों द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार शिक्षकों की फिनलैंड में ट्रेनिंग करवाना चाहती है तो एलजी को क्या दिक्कत है? क्यों वे बच्चों की अच्छी शिक्षा के ख़िलाफ़ हैं? LG के पास इसे रोकने का कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इसकी साफ-साफ व्याख्या की है।
सदन की कार्यवाही स्थगित : विधानसभा में सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने के बाद आप विधायकों ने दिल्ली सरकार के शिक्षकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए फिनलैंड भेजने पर उपराज्यपाल की आपत्ति को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद अध्यक्ष ने फिर से सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी। बाद में सदन की कार्यवाही को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया। सदन बमुश्किल 10 मिनट ही चल सका।