केजरीवाल के जरिए AAP ने की मनी लॉन्ड्रिंग, ED ने हाईकोर्ट में दिया हलफनामा, इन बातों का जिक्र

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 2 अप्रैल 2024 (23:53 IST)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ‘आबकारी घोटाले’ के ‘सरगना’ एवं ‘षडयंत्रकारी’ हैं और इसके पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर यह मानने के कारण हैं कि वे मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं।
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‘घोटाले’ से जुड़े धनशोधन मामले में एजेंसी द्वारा आम आदमी पार्टी (AAP) नेता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका का विरोध करते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि राजनीतिक दल, जो अपराध की आय का ‘प्रमुख लाभार्थी’ था, ने केजरीवाल के माध्यम से अपराध किया है।
 
ईडी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षडयंत्रकारी हैं। अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर आबकारी नीति 2021-22 बनाने में शामिल थे।
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एजेंसी ने कहा कि इस नीति का मसौदा ‘साउथ ग्रुप’ को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया किया गया था और इसे विजय नायर, मनीष सिसोदिया और ‘साउथ ग्रुप’ के प्रतिनिधि सदस्यों की मिलीभगत से बनाया गया था।
 
ईडी ने कहा कि आप ने केजरीवाल के माध्यम से धनशोधन का अपराध किया है और इस तरह यह अपराध पीएमएलए, 2002 की धारा 70 के दायरे में आता है।
 
इसने कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली आबकारी घोटाले में अर्जित अपराध की आय की प्रमुख लाभार्थी है। अरविंद केजरीवाल आप की प्रमुख गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं। जैसा कि गवाहों के बयान से स्पष्ट होता है कि वह पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और नीति बनाने के निर्णयों में भी शामिल थे। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा के समक्ष बुधवार को सुनवाई के लिए याचिका सूचीबद्ध है।

सिसौदिया बोले जेल में रखने से नहीं होगा उद्देश्य पूरा
 
पिछले साल फरवरी में दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्हें और जेल में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
 
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल को बताया कि कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के धन शोधन मामले में उनके खिलाफ जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और उनके द्वारा जांच में बाधा डालने या सबूत नष्ट करने की कोई आशंका नहीं है।
 
उन्होंने न्यायाधीश से यह भी कहा कि अगर अदालत उन्हें जमानत देने का फैसला करती है, तो वह अदालत द्वारा लगाई गई किसी भी शर्त का पालन करने के लिए तैयार हैं। सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
 
इससे पहले, ईडी ने कहा था कि मामला महत्वपूर्ण चरण में है और अगर रिहा किया गया, तो आरोपी जांच में बाधा डाल सकता है, जिसके बाद अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
 
ईडी का मामला आबकारी नीति के संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।
 
सीबीआई ने यह आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया था कि दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और एल-1 लाइसेंस को सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना बढ़ाया गया।
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सीबीआई के अनुसार, लाभार्थियों ने आरोपियों को “अवैध” लाभ पहुंचाया और जांच से बचने के लिए उनके बहीखातों में गलत प्रविष्टियां कीं।
 
सीबीआई ने सिसोदिया को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें तिहाड़ जेल से ईडी ने हिरासत में ले लिया। सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद सिसोदिया ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इनपुट भाषा

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