Aditya-L1: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 पर लगे 'पेलोड' (payload) के उन्नत सेंसरों ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का सफलतापूर्वक पता लगाया है। सूर्य से प्लाज्मा (plasma) और चुंबकीय तत्वों के निकलने की घटना को सीएमई कहा जाता है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बेंगलुरु में बताया कि प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) नामक पेलोड एक ऊर्जा व द्रव्यमान विश्लेषक है जिसे कम ऊर्जा सीमा में सौर पवन इलेक्ट्रॉन और आयनों के मापन के लिए तैयार किया गया है।
इसरो ने जारी किया बयान : इसरो ने एक बयान में कहा कि 15 दिसंबर, 2023 को सीएमई की एकल घटना हुई थी। इस अवधि के दौरान पीएपीए अवलोकनों ने कुल इलेक्ट्रॉन और आयन गिनती में अचानक वृद्धि देखी। बयान में कहा गया है कि पीएपीए से मिली जानकारी अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में इसकी प्रभावशीलता और सौर घटनाओं का पता लगाने व विश्लेषण करने की इसकी क्षमता को रेखांकित करती है। इसरो ने 2 सितंबर को पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से आदित्य-एल1 का सफल प्रक्षेपण किया था।(भाषा)