साल्वे के कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता को शारीरिक नुकसान पहुंचाने के लिए फोन पर धमकी दी गई है। धमकी देने वाले ने खुद को करणी सेना का सदस्य बताया है। गत गुरुवार को साल्वे ने पद्मावत के निर्माता की ओर से न्यायालय में जिरह की थी और कहा था कि कानून व्यवस्था को लेकर फिल्म की रिलीज को रोकना कोई आधार नहीं हो सकता।
उन्होंने दलील दी थी कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने देशभर में फिल्म के प्रदर्शन के लिए प्रमाण पत्र दिया है। ऐसे में राज्य सरकारों द्वारा पाबंदी लगाया जाना सिनेमेटोग्राफी अधिनियम के तहत संघीय ढांचे को तबाह करना है। राज्यों को इसका कोई हक नहीं है। यह केंद्र का अधिकार है। इसके बाद न्यायालय ने राज्य सरकारों के प्रतिबंध आदेशों पर रोक लगा दी थी। (वार्ता)