उन्होंने दावा किया कि यह देश के लिए एक दर्दनाक बात है, इससे देश की एकता प्रभावित होगी, सामुदायिक सद्भाव को क्षति पहुंचेगी, तनाव पैदा होगा। रहमानी ने कहा कि सरकार को 1991 के क़ानून को पूरी ताक़त से लागू करना चाहिए। सभी पक्षों को इस क़ानून का पाबन्द बनाया जाए और ऐसी स्थिति उत्पन्न न होने दें कि अल्पसंख्यक न्याय व्यवस्था से निराश हो जाएं और महसूस करें कि उनके लिए न्याय के सभी दरवाज़े बंद हैं।