जम्मू। कश्मीर के पुलवामा में आज एक कश्मीरी पंडित की आतंकियों द्वारा की गई हत्या के साथ कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद आतंकियों के हाथों मारे गए कश्मीरी पंडितों की संख्या 18 हो गई है। इसी अरसे में आतंकियों ने हिन्दुओं, सिखों और प्रवासी नागरिकों को भी नहीं बख्शा है। मारे गए प्रवासी नागरिकों में कई मुस्लिम भी थे।
पिछले साल ही आतंकियों ने 3 कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतारा था तो इस साल वर्ष 2017 से लेकर अभी तक 45 अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को आतंकी मार चुके हैं। कइयों को जख्मी भी किया जा चुका है। सबसे ज्यादा कश्मीरी पंडित वर्ष 2021 में मारे गए थे। वर्ष 2021 में ही आतंकियों ने कई प्रवासी नागरिकों को मार डाला।
इतना जरूर था कि मारे जाने वाले प्रवासी नागरिकों में कई मुस्लिम भी थे, जो रोजगार के सिलसिले में धरती के स्वर्ग में आए थे, पर उनके लिए कश्मीर धरती का नर्क साबित हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2017 से लेकर आज तक कश्मीर में 289 नागरिक मारे गए हैं।
इनमें से 149 नागरिक अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद ही मारे गए, जबकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद 18 कश्मीरी पंडितों को जब निशाना बनाया गया तो सैकड़ों कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी पलायन कर जम्मू आ गए जो पिछले 8 महीनों से अपना स्थानांतरण करवाने के लिए आंदोलन छेड़े हुए हैं और उन्हें इस अवधि का वेतन भी नहीं मिला है।