उन्होंने कहा कि इतने सारे छापे मारे गए, लेकिन अवैध रूप से अर्जित रकम का एक पैसा भी नहीं मिला। फिर भी हमारे कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। केजरीवाल को जमानत देने का उच्चतम न्यायालय का फैसला शाह, गृह मंत्रालय, केंद्र और सीबीआई के मुंह पर तमाचा है। केजरीवाल के बाहर आने से पहले शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए।
केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल : आप सुप्रीमो के लिए जमानत की मंजूरी पर सहमति वाला एक पृथक फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति भुइयां ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। हालांकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत को सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी में कुछ भी अवैध नजर नहीं आया।
न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि सीबीआई देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है और यह लोगों के हित में है कि वह न केवल पारदर्शी हो, बल्कि ऐसा (पारदर्शी) प्रतीत भी हो। न्यायमूर्ति भुइंया ने कहा कि ऐसी धारणा को दूर करने के लिए हर प्रयास किया जाना चाहिए कि जांच निष्पक्ष ढंग से नहीं किया गया और गिरफ्तारी पक्षपातपूर्ण एवं मनमाने तरीके से की गई। (एजेंसी/वेबदुनिया)