यह इस मिसाइल के विकास से जुड़ा चौथा और कैनिस्टर स्तर का दूसरा परीक्षण था। इससे पहले 19 अप्रैल, 2012 को इसका पहला, 15 सितंबर, 2013 को दूसरा और 31 जनवरी, 2015 को तीसरा परीक्षण किया गया। सूत्रों ने बताया कि अग्नि श्रृंखला का यह सबसे आधुनिक मिसाइल है, जिसमें नेविगेशन, गाइडेंस, वारहेड और इंजन से जुड़ी नयी तकनीकों को शामिल किया गया है।