केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत की मौजूदगी में यहां इंदिरा पर्यावरण भवन में इस कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके तहत वर्ष 2024 तक हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 प्रदूषकों के स्तर में 20 से 30 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदूषकों के स्तर के लिए वर्ष 2017 को आधार वर्ष बनाया गया है।
इन 102 शहरों में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चंडीगढ़, भोपाल, सूरत, अहमदाबाद, नागपुर, जम्मू, श्रीनगर, धनबाद, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, गुवाहाटी, लखनऊ, कानपुर, रायपुर, इंदौर, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, अमरावती, औरंगाबाद, कोल्हापुर, नासिक, पुणे, भुवनेश्वर, कटक, राउरकेला, लुधियाना, अमृतसर, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, झाँसी, नोएडा, रायबरेली, वाराणसी, पटना और गया शामिल हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम का मूल संबद्ध केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों को साथ लेकर सम्मिलित प्रयास से प्रदूषण के सभी कारकों पर फोकस करना है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का उद्देश्य वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उसे कम करने के लिए बड़े पैमाने पर काम करना है। साथ ही पूरे देश में वायु की गुणवत्ता निगरानी को बेहतर बनाया जायेगा और वायु प्रदूषण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना भी कार्यक्रम का हिस्सा है। (वार्ता)