पायलट ने याचिका में कहा कि ब्रेथ एनालाइजर (बीए) जांच में अल्कोहल का स्तर 0.16 से 0.20 आया था, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य 0.40 के मानक से कम था। उसने दावा किया कि उसी दिन एक निजी प्रयोगशाला से कराई गई खून और मूत्र की जांच में कोई अल्कोहल नहीं आया।
डीजीसीए ने कहा कि पायलट पहले भी एक बार उड़ान से पहले हुई बीए जांच में अल्कोहल के लिहाज से पॉजीटिव पाए गए थे और तब उन्होंने दावा किया था कि खांसी का सीरप पीने की वजह से ऐसा हुआ है। पायलट ने शुरू में अपने 3 साल के निलंबन के खिलाफ मंत्रालय में अपील की। मंत्रालय ने इस साल अप्रैल में डीजीसीए के फैसले को बरकरार रखा था।