सीपीसीबी के एक अधिकारी ने प्रदूषण के स्तर में हुई इस बढ़ोतरी के लिए पंजाब एवं हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों में पराली (फसल के अवशेष) जलाने, ‘साइक्लोनिक सर्कुलेशन’ (कम दबाव का क्षेत्र होने के कारण हवा का घूर्णन गति में चलना) और हवा की रफ्तार में गिरावट को जिम्मेदार करार दिया।
‘सफर’ के पूर्वानुमान के मुताबिक, अगले तीन दिनों में पीएम 2.5 का स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और पीएम 10 का स्तर करीब 190 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर जाएगा। पीएम 2.5 और पीएम 10 के लिए निर्धारित मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है।