नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने रूटों के आवंटन की घोषणा की और एयरलाइंसों को आवंटन प्रमाण पत्र दिए। उन्होंने कहा कि आरसीएस के तहत पहली फ्लाइट अप्रैल में शुरू होने की उम्मीद है जबकि विमान सेवा कंपनियों को उड़ान शुरू करने के लिए अधिकतम 6 महीने का समय दिया गया है। इससे मौजूदा नेटवर्क में 31 नए हवाई अड्डे जुड़ सकेंगे जबकि प्रति सप्ताह 7 से कम फ्लाइट वाले 12 हवाई अड्डों पर यातायात बढ़ेगा।
एयर इंडिया की सहयोगी एयरलाइन अलाइड सर्विसेज लिमिटेड के 8 प्रस्ताव स्वीकार किए गए जिसके तहत उसे 15 रूटों का आवंटन किया गया है। स्पाइस जेट को 6 प्रस्तावों के तहत 11 रूटों, टर्बो मेघा एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड को 4 प्रस्तावों के तहत 18 रूटों, एयर डेक्कन को 4 प्रस्तावों के तहत 34 रूटों और एयर ओडिशा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को 5 प्रस्तावों के तहत 50 रूटों का आवंटन किया गया है। बोली प्रक्रिया के आरंभिक चरण में 43 वैध प्रस्ताव मिले थे जिनमें अंतत: 27 प्रस्तावों के तहत 128 रूटों का आवंटन किया गया है।
इन मार्गों में दिल्ली से भटिंडा, शिमला, लुधियाना, पठानकोट, बीकानेर, कानपुर, कुल्लू और पंतनगर; जैसलमेर और आगरा से जयपुर, ग्वालियर से इंदौर और लखनऊ; नांदेड़ से मुंबई और हैदराबाद, कडपा से बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और विजयवाड़ा; विद्यानगर से हैदराबाद और बेंगलुरु; दुर्गापुर से बागडोगरा और कोलकाता; बरनपुर, कूचबिहार और जमशेदपुर से कोलकाता, राउरकेला से कोलकाता और भुवनेश्वर, भावनगर से अहमदाबाद और सूरत; दियू, मीठापुर, मुंद्रा और जामनगर से अहमदाबाद; कांडला से मुंबई, कानपुर से वाराणसी; पोरबंदर से मुंबई; पुडुचेरी से हैदराबाद, चेन्नई और सलेम, शिलांग से अगरतला, आईजॉल, दिमापुर, इंफाल और सिलचर; बिलासपुर से अंबिकापुर और रायपुर; जगदालपुर से रायपुर और विशाखापट्टनम; जलगांव, शोलापुर और कोल्हापुर से मुंबई; झारसुगुड़ा से भुवनेश्वर, रायपुर और रांची; मैसूरु और नयवेली से चेन्नई; नासिक से मुंबई और पुणे; रायगढ़ से रायपुर; सलेम से बेंगलुरु, चेन्नई और पुडुचेरी तथा उटकेला से भुवनेश्वर और रायपुर शामिल हैं, वहीं बीदर से बेंगलुरु और होसूर से चेन्नई मार्गों के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मिलनी शेष है।
'उड़ान' के तहत जिन छोटे शहरों के हवाई अड्डों से उड़ानों का संचालन होगा वहां की सरकारों से सहमति समझौते किए गए हैं जिसके तहत राज्य सरकार विमान ईंधन पर मूल्यवर्द्धित कर (वैट) घटाकर 1 प्रतिशत करेगी। इसके अलावा बिजली-पानी और सुरक्षा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। एयरलाइंसों को इन हवाई अड्डों पर कोई हवाई अड्डा शुल्क भी नहीं देना होगा। इसके बावजूद एयरलाइंसों को होने वाले नुकसान की भरपाई वायेबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के जरिए की जानी है जिसके लिए मौजूदा व्यस्त हवाई मार्गों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।
जिन एयरलाइंसों को उड़ान के तहत रूटों का आवंटन किया गया है वे इन रूटों पर 19 से 78 सीट वाले विमानों का परिचालन करेंगी। रूटों का आवंटन रिवर्स बिडिंग के आधार पर किया गया है यानी प्रति सीट सबसे कम वीजीएफ की मांग करने वाले को प्राथमिकता दी गई है। रूटों का आवंटन एक एयरलाइंस को होने के बाद 3 साल तक उस पर उसे एकाधिकार दिया जाएगा। विमान सेवा कंपनियों को आरसीएस के तहत कम से कम आधी सीटें रखनी होंगी।
'उड़ान' के तहत 151 से 175 किलोमीटर की दूरी के लिए अधिकतम किराया 1,420 रुपए होगा। हर 25 किलोमीटर की बढ़ती दूरी के हिसाब से किराया बढ़ता जाएगा। 476 से 525 किलोमीटर के लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपए और 776 से 800 किलोमीटर के लिए 3,500 रुपए होगा। 150 किलोमीटर से कम और 800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी आरसीएस के दायरे में नहीं रखी गई है।
आरसीएस रूट पर हेलीकॉप्टर सेवा के लिए आधे घंटे तक की उड़ान का अधितम किराया 2,500 रुपए तथा 56 से 60 मिनट तक की उड़ान के लिए 5,000 रुपए रखा गया है। (वार्ता)