एम्स गैस्ट्रोएन्टरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर अनूप सराया ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाओं में भारी पदार्थ, स्टेरॉयड्स और अन्य संभावित जहरीले तत्व होते हैं और उनके सेवन से पीलिया और कई बार लीवर खराब होने जैसी बीमारियां तक हो जाती हैं।
उन्होंने लोगों को ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के यहां जाने से बचने को कहा और पंजीकृत डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाएं लेने की सलाह दी। विशेषज्ञों ने हेपेटाइटिस से बचाव और रोकथाम में समाज से भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि खासतौर पर रक्त से संबंधित बीमारियां हेपेटाइटिस बी और सी से बचने में समाज का साथ जरूरी है।