वार्षिक अमरनाथ यात्रा में इस वर्ष आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। यही वजह है कि इस बार यात्रा मार्ग पर रेडियो फ्रीक्वेंसी से यात्रियों की निगरानी की जाएगी। इसके लिए सरकार की ओर से आधार शिविरों, बालटाल और पहलगाम में आवश्यक कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा।
यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालुओं को टैग दिए जाएंगे। इनकी मदद से यात्रा मार्ग के दौरान उन पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं से जुड़ी हरेक जानकारी का डाटा एकत्रित किया जा सके। अगर किसी आपात स्थिति में श्रद्धालु को कोई मदद चाहिए होगी तो तुरंत उस तक मदद और उपस्थिति की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
बैठक में जम्मू और कश्मीर संभागीय प्रशासनों को यात्रा से जुड़े बुनियादी ढांचे को तैयार करने के बारे में जानकारी साझा की गई थी। दोनों संभागीय प्रशासन यात्रा की तैयारियां में जुटे हुए हैं। देशभर के कई राज्यों में कोविड संक्रमण की वापसी को देखते हुए इस बार यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर नितेश्वर कुमार की अध्यक्षता में करीब 5 बार बैठकें हो चुकी हैं। इसमें सीईओ नितेश्वर कुमार ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण, सुरक्षा के लिए किए जा रहे बंदोबस्त सहित हेलीकॉप्टर सुविधा व यात्रा मार्ग पर लंगरों की व्यवस्था बारे भी रूपरेखा तैयार की है।