कोलकाता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन ने कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है। उनका यह भी मानना है कि नया केंद्रीय मंत्रिमंडल पहले की ही नकल है।
सेन (90) ने यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक बंगाली समाचार चैनल से कहा कि चुनाव नतीजे यह दिखाते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से खुले विचार रखने की जरूरत है खासतौर से जब भारत एक धर्मनिरपेक्ष संविधान के साथ एक धर्मनिरपेक्ष देश है। मुझे नहीं लगता कि भारत को हिंदू राष्ट्र में बदलने का विचार उचित है।
उन्होंने इस बात पर नाखुशी जताई कि देश में बिना मुकदमा चलाए लोगों को सलाखों के पीछे रखने का अंग्रेजों के शासनकाल का चलन अब भी जारी है। कांग्रेस सरकार की तुलना में यह भाजपा की सरकार में अधिक है।
सेन ने कहा कि हम हमेशा हर चुनाव के बाद एक बदलाव देखने की उम्मीद करते हैं। पहले जो कुछ हुआ है (भाजपा नीत केंद्र सरकार के कार्यकाल में) जैसे कि बिना मुकदमा चलाए लोगों को जेल में डालना और अमीर तथा गरीब के बीच की खाई गहरी करना, वह अब भी जारी है। इसे रोका जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों के पास पहले वाले ही विभाग हैं। मामूली फेरबदल के बावजूद राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोग अब भी शक्तिशाली हैं।
भाजपा के अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करवाने के बावजूद फैजाबाद लोकसभा सीट हारने पर सेन ने कहा कि देश की असली पहचान को धूमिल करने का प्रयास किया गया। (भाषा)