नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निदेशक रहते अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक में नोटबंदी के दौरान पांच दिनों में सबसे अधिक 745 करोड 58 लाख रुपए जमा कराए गए थे, जो 'काले धन को सफेद' करने जैसा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले की जांच करानी चाहिए।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीपसिंह सुरजेवाला ने कहा कि 2016 में 10 नवंबर से 14 नवंबर के दौरान देश के सभी कोऑपरेटिव बैंकों में से अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक में सबसे अधिक 745 करोड़ पुराने नोट जमा कराए गए। उन्होंने कहा कि शाह इस बैंक के निदेशक हैं और पहले इसके अध्यक्ष रह चुके हैं।
उन्होंने इसे बड़ा घोटाला बताते हुए कहा कि केवल गुजरात के 11 जिला कोऑपरेटिव बैंकों में 3118 करोड़ 51 लाख रुपए जमा कराए गए जिनके कर्ताधर्ता भाजपा के प्रमुख नेता थे। देश के 370 जिला कोऑपरेटिव बैंकों में पांच दिनों के दौरान पुराने नोट जमा कराए गए थे।
सुरजेवाला ने कहा कि अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष भाजपा के प्रमुख नेता अजय पटेल हैं जो शाह के निकट सहयोगी भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बैंक के दूसरे निदेशक यशपाल चूड़ासमा हैं, जो शोहराबुद्दीन मामले में शाह के साथ जेल गए थे।
इस भाजपा नेता की बैंक में जमा हुए 693 करोड़ : अहमदाबाद जिला कोऑपरेटिव बैंक के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट राजकोट जिला सहकारी बैंक में जमा हुए थे। उस समय जयेशभाई विट्ठलभाई रादड़िया इस बैंक के अध्यक्ष थे। जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के दौरान इस बैंक ने 693.19 करोड़ रुपए के पुराने नोट स्वीकार किए थे।
सहकारी बैंकों में जमा कराए गए प्रतिबंधित नोटों को लेकर यह आरटीआई मुंबई के एक आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस रॉय ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) में लगाई थी।
...और राहुल का आरोप : दूसरी ओर राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि अहमदाबाद की जिस सहकारी बैंक के अमित शाह निदेशक हैं, उसमें नोटबंदी के दौरान 5 दिन में 750 करोड़ के पुराने नोट बदले गए। राहुल ने ट्वीट किया कि अमित शाहजी बधाई, सबसे ज्यादा नोट बदलने के मामले में आपकी बैंक को पहला स्थान मिला। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद हो गई, उपलब्धि के लिए बधाई।