पार्टी अपने संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती छह जुलाई से संभवत: अभियान का आगाज करेगी। दुष्यंत गौतम, सुरेश पुजारी, अरूण चतुर्वेदी और शोभा सुरेंद्रन अभियान के सह प्रभारी होंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सांगठनिक चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक शाह पार्टी अध्यक्ष बने रहेंगे। समूची प्रक्रिया में कई महीने लग सकते हैं, इसका मतलब है कि पार्टी इस साल तीन राज्यों- हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ सकती है।
शाह को उद्धृत करते हुए यादव ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने जनसंघ के दिनों से भाजपा के विकास को याद किया। शाह ने कहा कि भाजपा पिछले पांच साल में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना जैसे राज्यों में मजबूत हुई है। साथ ही, पिछले आम चुनाव में जहां पार्टी ने अच्छा किया था, वहां भी वर्चस्व बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि इसी तरह पार्टी आगामी वर्षों में नए राज्यों में विस्तार करेगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे राज्यों में बड़ी कामयाबी हासिल की जबकि इन दोनों जगहों पर पार्टी पहले हाशिए पर थी। लेकिन, दक्षिण के तीन राज्यों- तमिलनाडु, केरल और आंध्रप्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। पार्टी को वहां अपना विस्तार करना है और समाज के नए धड़े को जोड़ना पड़ेगा। भाजपा ने दावा किया था कि 2014 के उसके अभियान के दौरान 11 करोड़ लोग उसके सदस्य थे। पार्टी अब सदस्यता संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि करना चाहती है। (भाषा)