शाह ने कहा कि सीएए नागरिकता कानून है, जबकि एनपीआर का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने इसमें कुछ भी नया नहीं किया। वर्ष 2010 में यूपी सरकार ने इसे लागू किया था। एनपीआर तो ऐप के जरिए हो सकता है। इसके जरिए विकास की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।