क्या उत्तर भारत पर भी पड़ेगा Super Cyclone Amphan का असर?

सोमवार, 18 मई 2020 (16:07 IST)
Amphan Super Cyclone Updates
नई दिल्ली। कोरोना महामारी से लड़ रहे भारत पर चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan) खतरा मंडरा रहा है। भारत के मौसम विभाग (IMD) ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय के लिए तीव्र चक्रवाती तूफान अम्फान के चलते 21 मई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक अम्फान तूफान अब सुपर साइक्लोन में बदल गया। कर्नाटक के कई हिस्सों में तूफान के कारण बारिश शुरू हो गई है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अम्फान चक्रवात की स्थिति की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय (MHA)और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ एक हाईलेवल मीटिंग भी बुलाई है। ‘अम्फान’ बंगाल की खाड़ी से लगने वाले मध्य हिस्सों और पश्चिम-मध्य हिस्सों के ऊपर 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और यह अगले 12 घंटों में और शक्तिशाली होकर विकराल रूप ले सकता है। क्या इस सुपर साइक्लोन का पश्चिम बंगाल और उड़ीसा को छोड़कर देश के अन्य राज्यों पर भी असर होगा? 
 
क्या उत्तर भारत पर पड़ेगा असर : भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉक्टर मृत्युंजय महापात्रा के मुताबिक यह तूफान 20 मई को भारत की तटीय सीमाओं को छुएगा और इस दौरान भारी बारिश होगी। अम्फान साइक्लोन के कारण पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय इलाकों के साथ-साथ असम और मेघालय के कुछ इलाकों में भी तेज़ हवाएं और भारी बारिश का पूर्वानुमान है। इसका असर बाकी भारत पर नहीं होगा।

बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित बाकी भारत पर साइक्लोन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। तमिलनाडु सरकार ने कहा कि राज्य पर चक्रवात ‘अम्फान’ का असर नहीं पड़ेगा, लेकिन वह भारत मौसम विज्ञान विभाग के साथ लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। महापात्रा ने कहा कि चक्रवात के कारण ओडिशा के उत्तरी हिस्सों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है।
 
एनडीआरएफ ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल में तैनात कीं 17 टीमें : चक्रवात 'अम्फान' के खतरे को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपनी 17 टीमें तैनात कर दी हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल मुख्यालय से स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है।
 
उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात 'अम्फान' बंगाल की खाड़ी में एक तीव्र चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है और संभवत: अगले 24 घंटों में यह अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है।
 
उन्होंने कहा कि बल की 7 टीमें पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं। ये टीमें राज्य के 6 जिलों (दक्षिणी 24 परगना, उत्तरी 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली) में तैनात हैं। 10 टीमें ओडिशा के 7 जिलों (पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर और मयूरभंज) में तैनात की गई हैं। एनडीआरएफ की एक टीम में लगभग 45 कर्मी होते हैं।
 
शाम तक ले सकता है विकराल रूप : गृह मंत्रालय के अनुसार चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’शाम  तक विकराल रूप धर सकता है और बुधवार को 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ यह पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश तट से टकरा सकता है।
 
भारत मौसम विभाग के बुलेटिन का हवाला देते हुए गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में यह चक्रवात दक्षिणी बंगाल की खाड़ी से लगे पश्चिम-मध्य और मध्य हिस्सों के ऊपर है जो पारादीप (ओडिशा) से करीब 790 किलोमीटर दक्षिण, दीघा (पश्चिम बंगाल) से 940 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपश्चिम और खेपुपारा (बांग्लादेश) से 1060 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में है। अधिकारी ने कहा कि यह तूफान सोमवार शाम तक प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है।
 
185 किलोमीटर तक की हवाएं : संभवत: यह उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पास उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा की तरफ बढ़ेगा और 20 मई को दोपहर या शाम के दौरान अत्यंत प्रचंड तूफान के रूप में बांग्लादेश में हटिया द्वीप और पश्चिम बंगाल के दीघा के बीच पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश तट के बीच से गुजरेगा। इस दौरान 155-165 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जो कभी भी 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती हैं। क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ भारी से अत्यंत भारी बारिश और ज्वारभाटा आने का अनुमान है।
 
चेतावनी के बाद 11 लाख लोगों का रेस्क्यू : ओडिसा में तूफान की चेतावनी के बाद राज्य सरकार 11 लाख लोगों को इन इलाकों से निकालने की तैयारी में जुट गई है। अत्यधिक तेज हवाओं से कच्चे घरों को बहुत ज्यादा नुकसान और ‘पक्के’ घरों को कुछ हद तक नुकसान पहुंच सकता है।

तेज हवाओं के कारण बिजली एवं संचार के खंभे मुड़ या उखड़ सकते हैं, रेलवे सेवाओं को कुछ हद तक बाधित कर सकते हैं और ऊपर से गुजरने वाली बिजली की तारों एवं सिग्नल प्रणालियां प्रभावित हो सकती हैं तथा तैयार फसलों, खेतों-बगीचों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो सकता है। (एजेंसियां)

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