डिब्रूगढ़। Amritpal Singh case: 'वारिस पंजाब दे का चीफ और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह 23 अप्रैल से असम की डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में बंद है। मीडिया खबरों के अनुसार अमृतपाल सिंह को कौन फंडिंग कर रहा था, इसकी जानकारी देने से उसने मना कर दिया है। इतना ही नहीं, जेल से बाहर आने के लिए भी वह छटपटा रहा है। न्यूज 18 की एक खबर के अनुसार अमृतपाल ने कहा कि अगर उसे छोड़ दिया जाता है तो वह अपराध की सीमा को पार नहीं करेगा। अमृतपाल सिंह के वकील भगवंत सिंह सियाल्का ने वारिस पंजाब दे के कार्यकर्ताओं के परिवारवालों के साथ डिब्रूगढ़ जेल का दौरा किया था। अमृतपाल सिंह के अलावा इस सगंठन के 9 और कार्यकर्ता असम जेल में बंद हैं।
मदद का दिया अश्वासन : इतना ही नहीं, अमृतपाल ने यह भी कहा कि मैं ड्रग्स की समस्याओं से जूझ रहे पंजाब में इस परेशानी से लड़ने में भी पुलिस और प्रशासन की सहायता कर सकता हूं। अमृतपाल ने दावा किया है कि वह राज्य में ड्रग्स के अलावा ईसाई मिशनरियों की ओर से कराए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ भी लड़ना चाहता है।
शांति के लिए बन सकता है खतरा : पंजाब पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि वह जेल से बाहर आता है तो राज्य की सुरक्षा और शांति के लिए खतरा पैदा कर सकता है। अगर उसे छोड़ दिया जाता है तो वह आंदोलन कर समर्थन जुटा सकता है, जो कि खतरनाक हो सकता है। पुलिस को ऐसा नहीं होने देना है। Edited By : Sudhir Sharma