हजारे ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बिना कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ पिछले आंदोलन के मंच का इस्तेमाल कर कोई मुख्यमंत्री बन गया तो कोई मंत्री। उन्होंने कहा, इस बार हमने आंदोलन में उन्हीं लोगों को साथ लिया है जो हलफनामा देकर भविष्य में किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होने की शपथ लेते हैं। अगर यह हलफनामा पहले लिया होता तो आंदोलन के मंच का इस्तेमाल करने वाले लोग मुख्यमंत्री और मंत्री न बन पाते।
केजरीवाल द्वारा आंदोलन को धोखा देने के सवाल पर हजारे ने कहा मैं तो फकीर हूं, फकीर को कोई क्या धोखा देगा, लेकिन यह जरूर है कि अरविंद ने आश्वासन दिया था कि वे पार्टी नहीं बनाएंगे। हाल ही में राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव में केजरीवाल पर टिकट बेचने के आरोप लगने के सवाल पर हजारे ने कहा मेरा अब उन लोगों से कोई ताल्लुक नहीं है, इसलिए मुझे उनके बारे में कुछ पता नहीं है। उनका रास्ता अलग है, मेरा रास्ता अलग। ऐसे में उनके बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है।
हजारे ने बताया कि 23 मार्च को वे दिल्ली में किसान पेंशन विधेयक को पारित करने और चुनाव सुधार की मांग को लेकर आंदोलन करेंगे। इसके लिए राजनीति से खुद को दूर रखने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं को सभी राज्यों से आंदोलन में शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि इस बार आंदोलन के आयोजकों और सभी इच्छुक कार्यकर्ताओं से खुद को राजनीति से दूर रखने का शपथ पत्र लिया जा रहा है, जिससे कोई भी आंदोलन के जरिए सत्ता तक पहुंचने का हित न साध सके। (भाषा)