31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों में 3,325 लोगों में से अकेले दिल्ली में 2,733 लोग मारे गए थे जबकि बाकी लोग उत्तरप्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में मारे गए थे। भाजपा ने पूर्व में सभी सिख विरोधी दंगों की फिर से जांच किए जाने की मांग की थी।