Antilia Case को लेकर NIA का बड़ा खुलासा, सचिन वाजे ने अपने ड्राइवर को बताया था सीक्रेट मिशन
बुधवार, 8 सितम्बर 2021 (17:19 IST)
मुंबई। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि इस साल फरवरी में जब उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के निकट एक एसयूवी वाहन में विस्फोटक रखे गए थे उस दिन पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने अपने साथ मौजूद आधिकारिक वाहन चालक को बताया था कि यह एक 'गोपनीय अभियान' है।
चालक का बयान एनआईए द्वारा यहां वाजे और 9 अन्य लोगों के खिलाफ विशेष अदालत के समक्ष पिछले हफ्ते दायर आरोप-पत्र का हिस्सा है। यह आरोप पत्र 25 फरवरी को अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के पास एक वाहन से जिलेटिन की छड़ों की बरामदगी और उसके बाद ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के सिलसिले में दायर किया गया है।
चालक ने 24-25 फरवरी की दरमियानी रात को अंबानी के घर के बाहर वाहन रखे जाने का पूरा घटनाक्रम बताया है। उसने जांच एजेंसी को बताया कि 24 फरवरी की शाम करीब साढ़े पांच बजे वे वाजे को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के आधिकारिक निवास ज्ञानेश्वरी बंगले पर लेकर गया था। चालक ने कहा कि वाजे अकेले आवास के अंदर गए और करीब एक घंटे बाद वापस लौटे।
चालक ने अपने बयान में कहा कि वाजे ने अंबानी के घर के निकट महिंद्रा स्कार्पियो और एक इनोवा गाड़ी की नंबर प्लेट कई बार बदलने को कहा। स्कार्पियो गाड़ी में ही विस्फोटक पदार्थ रखा हुआ था।
उसने एनआईए को बताया कि वाजे ने ही उससे एक विशेष रास्ते पर चलने और टोल प्लाजा पर भुगतान करने के लिए कहा। चालक ने कहा कि देर रात दो बजकर 10 मिनट पर मैं कारमाइकल रोड पर वाजे द्वारा बेहद धीमी गति से चलाई जा रही स्कार्पियो गाड़ी के पीछे चल रहा था। एक खास जगह पर उन्होंने स्कार्पियो को रोका और सड़क पर बायीं तरफ गाड़ी खड़ी कर दी।
उसने बताया कि इसी के मुताबिक मैंने अपनी इनोवा गाड़ी को स्कार्पियो से करीब 40-50 मीटर की दूरी पर रोक दिया।” इसके करीब पांच मिनट बाद बाद वाजे इनोवा कार में लौट आए और अपना मास्क और शील्ड हटा दी। वाजे ने इसके बाद चालक से आगे चलने को कहा और कुछ समय बाद पूर्व सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) को महसूस हुआ कि उनका पहचान-पत्र उनके पास नहीं है और उन्होंने चालक से कार (इनोवा) में उसे देखने के लिये कहा लेकिन वह नहीं मिला।
चालक के बयान के मुताबिक वे तब निकटवर्ती ठाणे जिले में स्थित वाजे के घर गए जहां वाजे अपने पहचान-पत्र को खोजने अंदर चला गया। हालांकि वह करीब 20 मिनट बाद वापस लौटा और चालक को बताया कि कार्ड संभवत: स्कार्पियो में ही भूल गया है। करीब साढ़े चार बजे वे वापस कारमाइकल रोड पहुंचे जहां वाजे स्कार्पियो के अंदर गया और कुछ समय बाद वापस लौटा। इसके बाद वाजे ने चालक से गाड़ी ठाणे ले चलने को कहा।
चालक ने बयान में कहा कि ड्यूटी पर (24 फरवरी को) आने के बाद वाजे ने उसका फोन लेकर स्विच ऑफ कर दिया था। चालक ने बताया कि उसने जब वाजे को घर छोड़ दिया तभी उसे फोन वापस मिला। अपने बयान में चालक ने कहा कि जब उसने इस पूरे प्रकरण के बारे में जानना चाहा तो वाजे ने उसे बताया कि यह एक “गोपनीय अभियान” है और उससे किसी से भी इसका जिक्र न करने को कहा।
चालक ने कहा कि 26 फरवरी को मैं एक सहकर्मी के विवाह समारोह में मौजूद था जब मुझे टीवी चैनलों के माध्यम से इस घटना का पता चला। मैं उस खबर को देखकर बहुत डर गया था लेकिन मैंने यह बात किसी को नहीं बताई। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा कि वाजे ने 'सुपर कॉप की प्रतिष्ठा फिर से हासिल करने के लिये अंबानी के घर के निकट एसयूवी खड़ी की थी।
आरोप पत्र में कहा गया है कि इस घटना के बाद वाजे ने ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन को 'कमजोर कड़ी' माना और उसकी हत्या कर दी गई। एनआईए ने आरोप लगाया कि पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा को हत्या को अंजाम देने की साजिश में शामिल किया गया। हिरन ने दावा किया था कि उनकी एसयूवी गाड़ी चोरी हो गई थी। हिरन का शव पांच मार्च को ठाणे में बरामद हुआ था। वाजे और प्रदीप शर्मा के अलावा विनायक शिंदे, नरेश गौड़, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, आनंद जाधव, सतीश मोठकुरी, मनीष सोनी और संतोष शेलार मामले में अन्य आरोपी हैं। (भाषा)