न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याचिका में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में की गई लक्षित हमले में कथित तौर पर हस्तक्षेप करने और श्रेय लेने के लिए पर्रिकर के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है।
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि रक्षामंत्री सहित केंद्रीय मंत्री भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले का श्रेय ले रहे हैं जिसका श्रेय वे नहीं ले सकते, क्योंकि संविधान के मुताबिक सशस्त्र बलों का प्रमुख राष्ट्रपति होते हैं तथा सशस्त्र बलों की कार्रवाई का कुछ लोग निजी हितों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। शर्मा ने उन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी जिन्होंने इसमें हस्तक्षेप करने का प्रयास किया और सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन का श्रेय लिया।