जम्मू। पाक सेना के गुर्गों ने अब रत्नू चक स्थित थर्ड इंडिपेंडेंट आर्म्ड बिग्रेड के हेडक्वार्टर पर ड्रोन हमलों की नाकाम कोशिश की। देर रात दो हमलावर ड्रोन को मार भगाया गया। फिलहाल उनका मलबा नहीं मिल पाया है। इन कोशिशों के बाद सेना ने एंटी ड्रोन इसराइली तकनीक का इस्तेमाल करने की बात कही है। रत्नूचक इलाके में बीती देर सेना की ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर 2 ड्रोन को उड़ता हुआ देखा गया है। इस घटना के तुरंत बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान छेड़ दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, बीती रात सेना की ब्रिगेड हेडक्वार्टर के नजदीक सेना ने हवा में रंगबिरंगी रोशनी से लैस दो ड्रोन को उड़ते देखा। करीब 50 से 75 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहे इस ड्रोन के उपरांत क्षेत्र में सेना और पुलिस ने तलाशी अभियान छेड़ दिया है।
सेना इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चला रही है, लेकिन अभी तक कोई बरामदगी नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियां मौके पर हैं। इस घटना के बाद जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस राजमार्ग पर वाहनों की जांच कर रही है।
सैन्य प्रवक्ता, लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि सतर्क सैनिकों द्वारा कालूचक सैन्य क्षेत्र में दो अलग-अलग ड्रोन गतिविधियों को देखा गया। तुरंत हाईअलर्ट जारी किया गया और क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) ने उन पर फायरिंग की। इसके बाद दोनों ड्रोन वापस चले गए। सैनिकों की सतर्कता से एक बड़ा खतरा विफल हो गया। सुरक्षाबल हाईअलर्ट पर हैं और तलाशी अभियान जारी है।
जिस समय सेना के जवानों ने ब्रिगेड हेडक्वार्टर के ऊपर से ड्रोन को मंडराते देखा तो उन्होंने तुरंत ड्रोन पर फायरिंग कर दी। कुछ ही समय के उपरांत ड्रोन वहां से गायब हो गया।यहां यह बताना जरूरी है कि बीती रात को रत्नूचक (कालूचक) नामक जिस स्थान पर दो ड्रोन देखे गए, वहां पर सेना की 68वीं आर्म्ड, 82 आर्म्ड का हेडक्वार्टर है।
रविवार तड़के पाकिस्तान ने ड्रोन की मदद से जम्मू के टेक्निकल एयरपोर्ट में दो बम के धमाके किए थे। हालांकि इन धमाकों से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था। वायुसेना के दो कर्मी मामूली रूप से घायल हुए थे। एयरपोर्ट पर ड्रोन की मदद से बम विस्फोट की घटना देश में अपनी तरह की पहली आतंकी घटना है। इस हमले के उपरांत सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गई हैं।