Delhi Pollution : दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कृत्रिम बारिश कराने की मांग की है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कृत्रिम बारिश से निकलेगा दिल्ली प्रदूषण का हल?
गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर आपातकालीन बैठक बुलाने के संबंध में दिल्ली सरकार के लगातार अनुरोध के बावजूद भाजपा के पर्यावरण मंत्री सो रहे हैं। अगर केंद्र सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती, तो उनके मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। ALSO READ: प्रदूषण पर फूटा शशि शरूर का गुस्सा, पूछा क्या दिल्ली को राजधानी होना चाहिए?
उन्होंने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से एक बार फिर प्रदूषण पर आपात बैठक बुलाने और कृत्रिम बारिश की अनुमति देने का अनुरोध करता हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए, कार्रवाई करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है तथा केंद्र को प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रैप को पूरे उत्तर भारत में लागू किया जाना चाहिए, भाजपा शासित राज्यों में नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। ये कोहरा नहीं नरेंद्र मोदी की नाकामी है जो पूरे उत्तर भारत में छाई है‼️ पूरे उत्तर भारत में दमघोंटू प्रदूषण की ज़िम्मेदारी से भाग रहें हैं मोदी और उनके पर्यावरण मंत्री।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 488 दर्ज किया गया। राजधानी के 32 निगरानी केंद्रों में से 31 ने एक्यूआई का स्तर 480 से अधिक दर्ज किया। दो केंद्रों, अलीपुर और सोनिया विहार में यह अधिकतम 500 रहा।
इस बीच आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, मोदी जी, क्या आपने आज के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची देखी? पूरा उत्तर भारत दमघोटू प्रदूषण की मार झेल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव बेशर्मी की चादर ओढ़कर मौन साधे हुए हैं। नरेंद्र मोदी विदेशी दौरे करने में व्यस्त हैं और भूपेंद्र यादव को चुनावी दौरे और रैलियां करने से फुर्सत नहीं है। देशवासियों के स्वास्थ्य से खेलना बंद करो ‼️
मोदी जी, क्या आपने आज के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची देखी ⁉
पूरा उत्तर भारत दमघोटू प्रदूषण की मार झेल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव बेशर्मी की चादर ओढ़कर मौन साधे हुए हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के अनुसार, दिल्ली की AAP सरकार की अकर्मण्यता और केजरीवाल के स्वार्थी राजनीतिक एजेंडे ने राजधानी को अभूतपूर्व संकट में धकेल दिया है, आज दिल्ली 874 के खतरनाक AQI स्तर के साथ, हर दिन 22 सिगरेट पीने जितनी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है। 1.8 करोड़ दिल्लीवासियों की औसत जीवन प्रत्याशा लगभग 12 साल कम होने का अनुमान है और श्वसन संबंधी बीमारियां 30–40% तक बढ़ चुकी हैं, इसके बावजूद, दिल्ली सरकार इस गंभीर संकट से निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाने में विफल रही है।
दिल्ली की AAP सरकार की अकर्मण्यता और केजरीवाल के स्वार्थी राजनीतिक एजेंडे ने राजधानी को अभूतपूर्व संकट में धकेल दिया है, आज दिल्ली 874 के खतरनाक AQI स्तर के साथ, हर दिन 22 सिगरेट पीने जितनी जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर भाजपा नेता मनोज तिवारी और अन्य भाजपा नेताओं ने राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 6 पर मास्क वितरित किए।
उन्होंने कहा कि ये एक प्रकार से आपातकाल थोपना है। गलती अरविंद केजरीवाल जी के सरकार की है और उसका परिणाम दिल्ली भुगत रही है। इनकी निंदा करने के लिए कोई शब्द नहीं बचते हैं। मेरा मानना है कि अब सबको जगना चाहिए AAP के भरोसे दिल्ली की जो बदहाली हुई उसको शब्दों में नहीं बताया जा सकता।