दो साल में 22,475 करोड़ की अघोषित संपत्ति पता चली

शुक्रवार, 22 जुलाई 2016 (14:47 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का कोई सरकारी मूल्यांकन नहीं है और इस संबंध में अन्य संस्थाओं के अनुमानों की व्याख्याओं में विश्वसनीयता की कमी है। सरकार ने यह भी बताया कि बीते 2 वित्त वर्ष में सर्वेक्षणों में 22,475 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला है।
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में ब्रजभूषण शरण सिंह और मोहम्मद बदरद्दोजा खान के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का कोई सरकारी मूल्यांकन नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि इससे पहले कई गैरसरकारी संगठनों और अर्थशास्त्रियों ने देश से बाहर धन के गैरकानूनी तरीके से प्रवाह के बारे में व्यापक अनुमान लगाए हैं। ये अनुमान तथ्यों, अनुमानों, पूर्वानुमानों के विभिन्न समुच्चयों पर आधारित प्रतीत होते हैं जिससे व्यापक और कई तरह की व्याख्याएं की जा सकती हैं जिनमें एकमतता और विश्वसनीयता का अभाव है। 
 
जेटली ने बताया कि प्रवर्तनकारी उपायों के रूप में आयकर विभाग ने पिछले 2 सालों (वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16) के दौरान 990 समूहों की तलाशी ली और 1,474 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति जब्त की है। इन समूहों ने 21,354 करोड़ रुपए की अघोषित आय कबूल की है। इसी अवधि के दौरान 9,457 सर्वेक्षण कराए गए जिनके परिणामस्वरूप 22,475 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता चला है। 
 
वित्तमंत्री ने यह भी बताया कि इन मामलों में पिछले 2 वर्ष में आपराधिक अभियोजन के मामले भी बढ़े हैं। 2014-15 तथा 2015-16 में दायर मुकदमों की संख्या 3,140 थी जबकि 2012-13 और 2013-14 में यह संख्या 1,690 थी। 
 
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के भीतर और बाहर अघोषित आय के अनुमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी), राष्ट्रीय प्रायोगिक अर्थव्यवस्था अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) और राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम) द्वारा अध्ययन कराया है। इन संस्थानों से प्राप्त रिपोर्टों की सरकार जांच-पड़ताल करा रही है और अगले कुछ हफ्तों में इसके पूरे होने की उम्मीद है।
 
उन्होंने कहा कि किए गए अनेक उपायों से सरकार कालेधन के खतरों को रोकने में बेहतर तरीके से सक्षम हुई है।
 
जेटली के उत्तर के अनुसार 1 जून 2016 से ‘आय घोषणा योजना’ लागू की गई है। यह योजना उन लोगों को अवसर प्रदान करती है जिन्होंने बीते वर्षों में अपने पूरे कर का भुगतान नहीं किया है तथा वे स्वयं आगे आकर अघोषित आय की घोषणा करके करों का भुगतान कर सकते हैं। घोषणा 30 सितंबर 2016 तक की जा सकती है। (भाषा)

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